TIO, धनबाद,

झारखंड विधानसभा चुनाव में धनबाद की तीन सीटें झरिया, बाघमारा और धनबाद के कांग्रेस प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा। इसे लेकर धनबाद के उत्सव भवन में हार की समीक्षा बैठक रखी गई थी। इस दौरान पार्टी के 2 पदाधिकारी आपस में ही भिड़ गए। इस दौरान दोनों तरफ से जमकर मार-पीट हुई। पार्टी के अन्य कार्यकतार्ओं ने बीच-बचाव कर मारपीट को शांत कराया। मारपीट की यह घटना सीसीटीवी में कैद हो गई है।

झारखंड विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) की अगुवाई वाले इंडिया ब्लॉक को 56 विधानसभा सीटों पर जीत मिली है। 81 सदस्यों वाली झारखंड विधानसभा में बहुमत के लिए जादुई आंकड़ा 41 सीटों का है। बड़ी जीत के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा भी पेश कर दिया है। हेमंत सोरेन ही सीएम होंगे, इसमें भी कोई शक-सुबहा नहीं है लेकिन सरकार की तस्वीर क्या होगी? यह नतीजे आने के तीन दिन बाद तक स्पष्ट नहीं है। जेएमएम की अगुवाई वाली सरकार में कांग्रेस पावरफुल भागीदारी चाह रही है।

झारखंड की नई हेमंत सोरेन सरकार में कांग्रेस ने डिप्टी सीएम पद मांगा था लेकिन बात नहीं बनी। जेएमएम ने डिप्टी सीएम पद देने से इनकार कर दिया तो पार्टी चार मंत्री पद की मांग पर आ गई। कांग्रेस चार मंत्री पद के लिए तोलमोल में जुटी है लेकिन झारखंड विधानसभा की ताजा तस्वीर को देखते हुए यह भी मुश्किल माना जा रहा है। कांग्रेस के नेता जेएमएम से तोलमोल करने में जुटी है लेकिन पार्टी की बार्गेन पावर को देखते हुए चर्चा तो यह तक शुरू हो गई है कि झारखंड में भी कांग्रेस का हाल जम्मू कश्मीर वाला हो गया है। ऐसा क्यों कहा जा रहा है, इसे समझने से पहले ये जान लेना भी जरूरी है कि जम्मू कश्मीर में कांग्रेस का क्या हाल हुआ?

झारखंड में कैसी है विधानसभा की तस्वीर
झारखंड विधानसभा की वर्तमान तस्वीर देखें तो सूबे में इंडिया ब्लॉक की अगुवाई कर रही जेएमएम के 34 विधायक हैं। 16 विधायकों के साथ कांग्रेस सीटों के लिहाज से गठबंधन में दूसरे नंबर की पार्टी है। लालू यादव की अगुवाई वाला राष्ट्रीय जनता दल चार सीटों पर जीत के साथ तीसरे और सीपीआई (एमएल) दो सीटें जीतकर चौथा बड़ा घटक दल है। इंडिया ब्लॉक को कुल 56 सीटों पर जीत मिली है और इस संख्याबल में से कांग्रेस के 16 विधायकों की संख्या घटा भी दें तो सत्ताधारी गठबंधन के पास 40 विधायकों का समर्थन है जो बहुमत के आंकड़े से सिर्फ एक कम है।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER