TIO, भोपाल

मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र का आज सोमवार को अंतिम दिन है। विधानसभा में कांग्रेस विधायक सोहनलाल बाल्मीक ने भाजपा विधायक चिंतामणि मालवीय को सदन में दिए गए वक्तव्य पर बीजेपी की ओर से नोटिस दिए जाने का मामला उठाया। इस पर चर्चा की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रश्नकाल के बाद इस पर चर्चा की बात कही।

वहीं, आलोट विधायक मालवीय ने कहा- मैं बीजेपी का प्रतिबद्ध कार्यकर्ता हूं। मैंने जो कुछ कहा, वो सदन के अंदर का विषय है। पार्टी का नोटिस अभी मुझे प्राप्त नहीं हुआ है। प्राप्त होगा तो मैं उसके तथ्यानुरूप जवाब से पार्टी को अवगत कराऊंगा। ये पार्टी का आंतरिक विषय है इसलिए इस पर टिप्पणी की जरूरत नहीं है। मैं अपने बयान पर कायम हूं। मालवीय को नोटिस के सवाल पर चुरहट से कांग्रेस विधायक अजय सिंह राहुल ने कहा- जब पर्ची से मुख्यमंत्री बनता है, जिसको उम्मीद भी न हो…तो प्रदेश कौन चला रहा है? ये तो केंद्र सरकार चला रही है, ये तो नाम मात्र के मुख्यमंत्री हैं।

बीजेपी ने मालवीय को दिया है शो कॉज नोटिस
दरअसल, विधायक चिंतामणि मालवीय ने विधानसभा में 18 मार्च को उज्जैन सिंहस्थ क्षेत्र में जमीनों के स्थायी अधिग्रहण पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था- किसानों को आशंका है कि यह कॉलोनाइजर्स और भू-माफिया का षड्यंत्र हो सकता है। कोई व्यक्ति दस या बीस हजार करोड़ कमा सकता है, लेकिन याद रखे कि कफन में जेब नहीं होती। मामले की जानकारी केंद्रीय नेतृत्व तक भी पहुंची। इसके बाद प्रदेश नेतृत्व की ओर से मालवीय को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उनसे 7 दिन में जवाब देने के लिए कहा गया है।

नेता प्रतिपक्ष बोले- कर्ज लेकर घी पी रही सरकार
इससे पहले नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा- युवाओं को नौकरियों, पीएससी छात्रों की बात हो या किसानों को खाद-कर्ज की बात हो…सरकार नहीं चाहती कि आम जनता के मुद्दों पर बात करें। सरकार कर्ज ले रही है, घी पी रही है। बड़े-बड़े इवेंट करा रही है लेकिन आम जनता के लिए पैसे नहीं है।

वेतन-पेंशन न लेने का लेटर दे सकते हैं सिरोंज विधायक
शुक्रवार को विधानसभा में नगरीय विकास विभाग और राज्य विधानमंडल की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान सिरोंज विधायक उमाकांत शर्मा ने कहा था कि वे विधायक के रूप में विधानसभा से वेतन नहीं लेंगे। आज वे विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर को इस संबंध में पत्र सौंप सकते हैं कि उनके खाते में विधानसभा से वेतन न भेजा जाए। साथ ही, भविष्य में वे पेंशन लेने के भी इच्छुक नहीं हैं।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER