TIO, अलीगढ़/हाथरस।
सिकंदराराऊ हादसे में मुख्यमंत्री के आपराधिक साजिश के इशारे की दिशा पर भी पुलिस की टीमें काम कर रही हैं। गिरफ्तार सेवादारों से पूछताछ में इस पहलू को ध्यान में रखा जा रहा है। उनसे इसे लेकर क्रॉस सवाल किए जा रहे हैं। गिरफ्तार सेवादारों ने भी ये स्वीकारा है कि भोले बाबा की चरणरज लेने के लिए भीड़ को अनियंत्रित छोड़ा गया था। साथ ही यह भी माना कि अफरा-तफरी मचने पर वे घायलों को उसी हालत में घटनास्थल छोड़कर भाग गए। इस विषय में गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस में आईजी शलभ माथुर ने जानकारी देते हुए बताया कि मुकदमे की विवेचना में हर पहलू का ध्यान रखा जा रहा है। यह हादसा इत्तेफाक है। सेवादारों द्वारा की गई धक्का मुक्की की देन है या फिर आपराधिक साजिश है। इन तमाम सवालों को ध्यान में रखकर जांच की जा रही है।
उसी आधार पर पूछताछ में तथ्य सामने लाए जा रहे हैं। गिरफ्तार किए गए सेवादारों ने स्वीकारा है कि सभी लोगों को अलग-अलग जिम्मेदारी दी जाती है। व्यवस्था संभालने से लेकर भीड़ को नियंत्रण करने के लिए सेवादारों को जिम्मा होता है। आयोजन समिति के सदस्य व स्वेच्छा से सेवादार ये काम करते हैं। अलग-अलग वर्दी पहनाकर जिम्मेदारियां दी जाती हैं। इसे सेवादार भीड़ को अपने अनुसार ही नियंत्रित करते हैं। उस दिन भी कुछ ऐसा ही हुआ था। अब पुलिस जांच का हिस्सा है कि यह इन लोगों ने किसी के इशारे पर तो नहीं किया। इसके पीछे कोई साजिश तो नहीं है, ये जांच में उजागर होगा। इस मौके पर डीएम व एसपी भी मौजूद रहे।
गिरफ्तार सेवादारों इन बातों को स्वीकारा
- – पुलिस की पूछताछ में सेवादारों ने यह भी स्वीकारा है कि भोले बाबा की चरणरज लेने के लिए भीड़ को अनियंत्रित छोड़ा गया था, जिसके बाद यह बड़ा हादसा हुआ है। सेवादारों ने पूछताछ में माना है कि अफरा-तफरी मचने पर वे घायलों को उसी हालत में घटनास्थल पर छोड़कर भाग गए।
- – उन्होंने यह भी स्वीकारा है कि इनके द्वारा भीड़ नियंत्रण, श्रद्धालुओं को धूप व गर्मी से बचाने के लिए पंडाल की व्यवस्था, वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था, कार्यक्रम स्थल पर खड़ंजा, बिजली की आपूर्ति के लिए जेनरेटर की व्यवस्था, सफाई इत्यादि की व्यवस्था भी की जाती है।