TIO, भोपाल।

मध्य प्रदेश के नव नियुक्त मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पदभार ग्रहण करने के बाद से एक्शन में हैं। वह जिम्मेदार अधिकारियों के साथ लगातार बैठकें रहे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने नगरीय प्रशासन विभाग की समीक्षा बैठक की। जिसमें कई अहम निर्देश दिए हैं। वहीं मीटिंग में मुख्यमंत्री ने आवंटित मद की राशि अन्य मद में खर्च करने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि नगरीय निकायों में इस तरह के प्रकरणों की जांच होगी। साथ ही उन्होंने कंपाउंडिंग और बिल्डिंग परमिशन की व्यवस्था सरल करने के निर्देश दिए हैं। बैठक में मुख्य सचिव वीरा राणा तथा अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।

सीएम यादव ने कहा है कि बिल्डिंग परमिशन और कम्पाउडिंग के नियम और प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाए। नियम स्पष्ट और सरल हों, जिसे आम आदमी आसानी से समझ सके और उसे कोई परेशानी न हो। सामान्य व्यक्ति जीवन में एक बार मकान बनाता है, अत: बिल्डिंग परमिशन आदि की व्यवस्था ऐसी की जाएं, जिससे वह परेशान न हो और निर्धारित समय-सीमा में कार्य हो। नगरीय निकायों से नक्शे जल्दी पास कराने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएं। भवन अनुज्ञा से संबंधित सॉफ्टवेयर का आंकलन कर यह ज्ञात करें कि वर्तमान में औसतन कितने दिनों में भवन अनुज्ञा जारी की जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह निर्देश नगरीय विकास एवं आवास विभाग की विधानसभा के समिति कक्ष में हुई बैठक में दिए।

शहरों की बेहतर प्लानिंग सुनिश्चित की जाएं
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शासकीय भवनों के निर्माण के लिए भी नगरीय निकायों से अनुमति प्राप्त की जाएं। नगर निगम, लोक निर्माण विभाग, विकास प्राधिकरण, हाउसिंग बोर्ड, पर्यटन सहित शासकीय भवन निर्माण में संलग्न सभी एजेंसियां बिल्डिंग परमिशन लें और निर्माण में बिल्डिंग लाइन, ओपन स्पेस, पार्किंग आदि का अनिवार्यत: ध्यान रखें। टीडीआर व टीओडी के क्षेत्र में प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएं ताकि रहवासियों को सुविधा प्राप्त हो और शहरों की बेहतर प्लानिंग भी सुनिश्चित की जा सकें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव नेअ कहा कि सड़क चौड़ीकरण से संबंधित प्रोजेक्ट्स की प्लानिंग स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए बेहतर तरीके से की जाएं।

वित्तीय प्रबंधन को सशक्त करने की जरूरत
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नगरीय निकायों के वित्तीय प्रबंधन को सशक्त करने की आवश्यकता है। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि जिस मद के लिए राशि केन्द्र या राज्य सरकार से प्राप्त हुई है, नगरीय निकाय उन राशियों का उपयोग उस मद के लिए ही करें। नगरीय निकायों व प्राधिकरणों में डिपॉजिट अथवा लोन लेकर किए जाने वाले कार्यों के संबंध में सख्त वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित किया जाएं। सजग और समयानुकूल आॅडिट व्यवस्था सुनिश्चित की जाए ताकि बेहतर वित्तीय प्रावधान और विकास कार्य हो सकें। वित्तीय अनियमितता पर सख्त कार्यवाही करें।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER