TIO, यरुशलम।

इस्राइल और हमास के बीच पांच महीने से अधिक समय से युद्ध जारी है। सात अक्तूबर को हमास के आतंकियों ने इस्राइल पर हमला कर कई सैकड़ों लोगों को बंधक बना लिया था। बाद में, इस्राइल ने कड़ी जवाबी कार्रवाई और समझौता कर अपने कुछ लोगों को रिहा करा लिया था। बीच में कहा जा रहा था कि एक बार फिर जंग थोड़े समय के लिए रुक सकती है और बंधकों को आजाद कराया जा सकता है। हालांकि, अब इस उम्मीद पर पानी फिरता दिखाई दे रहा है। इस्राइल ने गाजा संघर्ष विराम और बंधकों को रिहा कराने के संबंध में बातचीत करने के लिए अपने प्रतिनिधिमंडल को काहिरा नहीं भेजने का फैसला लिया है।

इस्राइल की थी यह दो मांग
इस्राइल ने यह फैसला ऐसे समय में लिया, जब हमास उसकी दो मांगों को मानने में असफल रहा। पहली मांग यह थी कि इस्राइल ने बंधकों की एक सूची मांगी थी, जिसमें हमास को बताना था कि कितने बंधक जीवित है और कितने मर गए। वहीं, दूसरी यह कि बंधकों के बदले में इस्राइल की जेलों से रिहा होने वाले फलस्तीनी कैदियों के अनुपात की पुष्टि करना।

नेतन्याहू ने लिया फैसला
एक इस्राइल अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मोसाद के निदेशक डेविड बार्निया के साथ समन्वय में वार्ता में शामिल नहीं होने का फैसला लिया है।

अमेरिका ने जताई थी उम्मीद
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने उम्मीद जताई थी कि सोमवार तक यानी आज इस्राइल और हमास के बीच युद्धविराम हो सकता है। उन्होंने माना था कि दोनों पक्ष छह सप्ताह के प्रस्तावित संघर्ष विराम समझौते के करीब हैं। हालांकि हमास के ढीले रवैया के कारण इस्राइल ने काहिरा में होने वाली वार्ता में शामिल होने से इनकार कर दिया।

काहिरा पहुंच चुका है हमास
हमास का एक प्रतिनिधिमंडल रविवार को काहिरा पहुंच चुका है, उसने उम्मीद जताई थी कि बातचीत से दुश्मनी खत्म हो जाएगी। हालांकि, हमास के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने अभी तक इस बात का कोई जवाब नहीं दिया है कि क्या समूह ने इस्राइल की शर्तों को संबोधित किया है।

इन विषयों पर होनी है चर्चा
हमास के एक सूत्र के अनुसार, काहिरा में जिन विषयों पर चर्चा होनी है उनमें एक स्थायी युद्धविराम, गाजा पट्टी से इस्राइली सैनिकों की वापसी और दक्षिण से उत्तर में विस्थापित व्यक्तियों की वापसी शामिल है।

रफा सिटी में इस्राइल के हमले में 11 की मौत
गाजा में इस्राइल-हमास के बीच करीब पांच महीने से संघर्ष जारी है। सात अक्तूबर को दक्षिण इस्राइल पर हमास के हमले के बाद शुरू हुए युद्ध में तीस हजार से ज्यादा लोगों की जानें जा चुकी हैं। इस्राइली सेना ने शनिवार को रफा सिटी में एक अस्पताल के पास बने शरणार्थी शिविर पर बमबारी की थी, जिसमें 11 फलस्तीनी नागरिक मारे गए और 50 अन्य घायल हुए हैं। गाजा में स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि इस्राइली सेना ने दीर अल-बलाह और जबालिया में तीन घरों को निशाना बनाकर हवाई हमले किए। इन हमलों में 17 फलस्तीनी मारे गए और दर्जनों घायल हुए हैं।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER