TIO, नई दिल्ली।

कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े सीबीआई भ्रष्टाचार मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। इस मामले में सीबीआई की ओर से दायर पूरक आरोपपत्र में खुलासा हुआ है कि जब शराब नीति बनाने की शुरूआत हुई तो तभी से अरविंद केजरीवाल इसमें शामिल थे। शराब नीति के निर्माण और इसमें बदलाव के लिए आपराधिक साजिश में शामिल थे।

जानकारी के लिए बता दें कि इस मामले में पांचवीं और अंतिम चार्जशीट दाखिल करने के साथ अपनी जांच पूरी करते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल के पास पहले से ही आबकारी नीति का “निजीकरण करने का पूर्व-निर्धारित विचार” था। जिसे भ्रष्टाचार के आरोपों के सामने आने के बाद रद्द कर दिया गया।

मार्च 2021 के महीने में अपनी पार्टी आप के लिए मौद्रिक समर्थन की मांग की, जब सह-आरोपी मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता वाले जीओएम द्वारा नीति तैयार की जा रही थी। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि उनके करीबी सहयोगी और आरोपी विजय नायर के मीडिया और संचार प्रभारी दिल्ली आबकारी व्यवसाय के विभिन्न हितधारकों से संपर्क कर रहे थे। अनुकूल आबकारी नीति के बदले उनसे अवैध रिश्वत की मांग कर रहे थे।

केजरीवाल की जमानत पर फैसला सुरक्षित
बीते गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े सीबीआई भ्रष्टाचार मामले में जमानत के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरफ से दायर याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने दिल्ली सीएम की जमानत याचिका पर सुनवाई की है। वहीं वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने केजरीवाल का पक्ष रखा।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER