TIO, नई दिल्ली।

केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव से चंद हफ्ते पहले दूसरे देशों से आने वाले लोगों को भारतीय नागरिकता देने का कानून देशभर में लागू करने का एलान किया है। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के माध्यम से अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आने वाले ऐसे लोगों को नागरिकता दी जाएगी, जिनका उत्पीड़न हुआ है। इस कानून का स्वागत और विरोध दोनों हो रहा है। कांग्रेस पार्टी ने इस कानून को असंवैधानिक करार दिया है। पार्टी ने सवाल किया है कि यह कानून संसद से विधेयक पारित होने के 51 महीने बाद क्यों लागू किया जा रहा है।

चार साल तीन महीने बाद क्यों लागू हुआ कानून
कांग्रेस महाचिव जयराम रमेश ने कहा, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल की राज्य सरकारें साफ कर चुकी हैं कि उनके प्रदेश में सीएए लागू नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, हम सीएए के खिलाफ इसलिए हैं क्योंकि धर्म के आधार पर नागरिकता देना संविधान के खिलाफ है। इस कानून को सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी गई है। उन्होंने सवाल किया कि केंद्र सरकार को यह कानून लागू करने में 4 साल और 3 महीने क्यों लग गए?

नागरिकता का आवेदन करने वाले जरूरतमंद लोगों से सरकार की अपील
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने सोमवार को सीएए लागू होने की अधिसूचना जारी करने करने के बाद 29 दस्तावेजों की सूची भी जारी की। गृह मंत्रालय ने बताया है कि कंट्री आॅफ ओरिजिन और भारत में आने की तारीख का प्रमाण देने के लिए किन दस्तावेजों का सहारा लिया जा सकता है। सरकार ने आवेदकों से अफवाहों से बचने और 29 दस्तावेजी प्रमाण में जो भी उपलब्ध है, उसके आधार पर नागरिकता का आॅनलाइन आवेदन करने की अपील की है।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER