TIO, पन्ना
पन्ना जिले में बकरी चराने गई महिला पर बाघ के हमले का मामला सामने आया है। जहां साथ में गई महिलाओं ने बमुश्किल महिला की जान बचाई। जिसे गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है।
जानकारी के मुताबिक घटना पन्ना टाइगर रिजर्व से लगे तारापीठ के विक्रमपुर गांव की है। जहां विक्रमपुर गांव की 3-4 महिलाएं अपने गांव से बकरी चराने जंगल गई हुई थीं। इसी दौरान जंगल में बाघ ने 30 वर्षीय महिला आशा पाल पर हमला कर दिया। इसकी चीख सुनकर साथ गई महिलाओं ने देखा तो बाघ आशा पर हमला कर रहा था और उसे अपने नीचे दबा दिया था। वीभत्स नजारा देख साथ गई महिलाओं ने तरकीब लगाते हुए चीखना-चिल्लाना शुरू कर दिया। इससे बाघ भ्रमित हो गया। इसी बीच महिलाओं ने पत्थर मारना शुरू कर दिए, जिससे बाघ घबराकर भाग खड़ा हुआ। साथी महिलाओं ने घायल महिला को कंधे पर उठाया और गांव लेकर आईं और सारा हाल बताया।
पीछे से किया हमला
बाघ के मुंह से बचकर आई आशा पाल ने बताया कि मैं अपनी चाची और कुछ अन्य महिलाओं के साथ घर से थोड़ी दूर बकरी चराने गए थे। मैं बैठी हुई थी तभी पीछे से बाघ ने हमला कर दिया। अचानक हुए हमले से मैं घबरा गई। मैंने शोर मचाना शुरू कर दिया। मेरी चाची और अन्य महिलाओं ने देखा तब मैं बाघ के पंजे के नीचे थी। उन्होंने भी शोर मचाया और उनके हाथ में जो आया, जैसे पत्थर-लकड़ी उठा-उठाकर बाघ पर फेंकने लगीं। कुछ ही देर में बाघ वहां से भाग निकला।
जो हाथ में आया, वो बाघ पर दे मारा
घायल के साथ गई उसकी चाची कौशल्या पाल बताती हैं कि हमारी बहू आशा पर बाघ ने हमला कर दिया और उसे दबाए बैठा था तो हमने शोर मचाकर बाघ पर पत्थर, लाठी, डंडे, सो भी हाथ में आया फेंकना शुरू कर दिया। इससे बाघ घबरा गया और बहू को छोड़कर भाग खड़ा हुआ।
शरीर में कई जगह चोटें
हमले में महिला को शरीर पर कई जगह चोट पहुंची है। बाघ के नाखून और दांत के घाव हैं। आनन-फानन में ग्रमीण घायल महिला को जिला अस्पताल लेकर गईं, जहां उसका इलाज किया जा रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि उसकी स्थिति में सुधार है।
वन विभाग की टीम सर्चिंग में जुटी..
घटना की जानकारी वन विभाग को की गई। जहां तत्काल मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम बाघ को तलाशने और लोगों को उस एरिया से दूर करने में जुट गई है। हिदायत दी गई है कि जब तक बाघ जंगल में ना चला जाए कोई भी जानवर चराने न जाएं।