TIO, नई दिल्ली

हवा की दिशा और गति बदलने से दिल्ली-एनसीआर के शहरों में वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार आया है। हालांकि, दिल्ली की हवा अब भी बेहद खराब श्रेणी में है। गाजियाबाद नोएडा समेत एनसीआर के प्रमुख शहरों में हवा खराब श्रेणी में रही। वहीं दूसरी तरफ दिल्ली से सटे गाजियाबाद के कुछ हिस्सों में स्मॉग की परत देखने को मिल रही है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने दिल्ली में मंगलवार को हवा के दमघोंटू होने की आशंका जताई है। सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, सोमवार को दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) रविवार से 52 अंक कम 304 दर्ज किया गया, जो बेहद खराब श्रेणी में था। सुबह 9 बजे तो एक्यूआई 327 तक पहुंच गया था।

नोएडा में एक्यूआई 248, जबकि ग्रेटर नोएडा में 233, गाजियाबाद में 228, फरीदाबाद में 204 और गुरुग्राम में 187 रहा। 200 से कम एक्यूआई मध्यम प्रदूषण की श्रेणी में आता है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि हवा में पटाखों और पराली के धुएं की हिस्सेदारी बढ़ेगी तो वायु गुणवत्ता की स्थिति खराब होगी। ऐसी स्थिति में ग्रेप के तीसरे चरण की पाबंदियां लागू करने की नौबत भी आ सकती है।

बृहस्पतिवार तक गंभीर श्रेणी में पहुंच सकती है हवा
मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार को हवा दक्षिण-पूर्व दिशा की ओर से चली और उसकी गति 4 से 8 किमी प्रतिघंटा रही। वर्तमान में हवा में प्रदूषकों के प्रभावी फैलाव के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं। इसके चलते अगले 6 दिनों तक वायु गुणवत्ता बहुत खराब से गंभीर श्रेणी में पहुंचने की आशंका है।

सख्ती से लागू करें ग्रेप-2 के नियम
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने संबंधित राज्यों को ग्रेप के दूसरे चरण को सख्ती के साथ लागू करने के निर्देश दिए हैं। सफाई के लिए मशीनों के उपयोग, धुआंरोधी उपायों को बढ़ाने व पटाखों पर प्रतिबंध के निर्देश दिए हैं।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER