TIO, चंडीगढ़।

लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने पंजाब में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा और अकाली दल में सहमति नहीं बन पाई। शिरोमणि अकाली दल की कोर कमेटी में पारित प्रस्ताव से पंजाब में अकाली दल और भाजपा के गठबंधन पर प्रश्नचिह्न लग गया है। भाजपा को अकाली दल की कोर कमेटी के पारित प्रस्ताव में कई मुद्दों पर सख्त आपत्ति थी। कारण यह था कि कई मुद्दे राष्ट्रवाद से जुड़े हुए हैं। जिसमें एनएसए को खत्म करने, फिरोजपुर व अटारी बॉर्डर को खोलने जैसे मुद्दों पर भाजपा अकाली दल से सुर नहीं मिला रही था।

भाजपा के पंजाब के सहप्रभारी डॉ. नरिंदर रैना भी पहले ही कह चुके थे कि भाजपा का मुद्दा राष्ट्रवाद है और इस पर पार्टी कभी समझौता नहीं कर सकती। एक देश एक राष्ट्र की बुलंद आवाज लेकर भाजपा पंजाब में 13 सीटों के लिए तैयार है, लेकिन अपने मुद्दे व नीतियों से समझौता नहीं करेगी।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER