रांची। भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे ने दावा किया कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सड़क माध्यम से दिल्ली से भगाने में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मदद की है। निशिकांत दुबे ने कहा कि केजरीवाल ने हेमंत सोरेन को वाराणसी तक पहुंचने में मदद की और फिर यहां से मिथिलेश कुमार की मदद से सोरेन रांची पहुंचे। हालांकि, निशिकांत दुबे के इस बयान पर न ही केजरीवाल और न ही मिथिलेश कुमार ने कोई प्रतिक्रिया दी है। आज अपने आवास पर हेमंत सोरेन ईडी के समक्ष पेश होंगे। सोमवार 29 जनवरी को ईडी ने हेमंत सोरेन के दिल्ली स्थित आवास पर छापेमारी की थी। कई रिपोर्टों में दावा किया गया था कि 26 जनवरी से ही सोरेन दिल्ली में मौजूद हैं।
सोमवार से गायब थे हेमंत सोरेन
हेमंत सोरेन चार्टर्ड विमान से दिल्ली गए थे और उसी दिन वापस लौटने की भी उम्मीद थी। ईडी टीम को हवाईअड्डे पर तैनात किया गया था। सोमवार की सुबह ईडी की टीम सोरेन के दिल्ली स्थित आवास पर पहुंची। वहां सोरेन नहीं मिले। एजेंसी ने आवास से 36 लाख रुपये, दो बीएमडब्ल्यू कार और अन्य दस्तावेज जब्त किया। झारखंड में भाजपा प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने सोरेन को ढूंढने के लिए 11,000 नकद पुरस्कार की घोषणा करते हुए एक विज्ञापन निकाला था। मंगलवार को झारखंड के गायब बताए जा रहे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 40 घंटे बाद रांची पहुंचे। सुबह उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और सत्तारूढ़ गठबंधन के दलों के विधायकों की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उनकी पत्नी कल्पना सोरेन भी शामिल हुईं। कयास है कि हेमंत अपनी जगह पत्नी को मुख्यमंत्री पद सौंप सकते हैं।
पत्नी को सौंप सकते हैं कुर्सी
भाजपा नेता ने बताया कि सोरेन जब रांची और दिल्ली में नहीं थे, तब वह सड़क माध्यम से दिल्ली से रांची तक का सफर तय कर रहे थे। दिल्ली से रांची की दूरी 1,300 किमी है। मंगलवार को सोरेन रांची पहुंचे। भाजपा के लापता वाले खबरों का पलटवार करते हुए झामुमो ने हेमंत सोरेन की तस्वीर शेयर की। विधायक दल की देर शाम फिर हुई बैठक के फैसले सार्वजनिक नहीं किए गए हैं, लेकिन झामुमो सूत्रों का कहना है कि सोरेन 31 जनवरी को ईडी की पूछताछ और उसके बाद गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए पत्नी को अपनी कुर्सी सौंपना चाहते हैं। उन्होंने अपना फैसला विधायकों को बता दिया है।