TIO, वॉशिंगटन

जन सुराज के प्रमुख प्रशांत किशोर ने बिहार को एक असफल राज्य बताया। उन्होंने कहा कि बिहार सच में एक असफल राज्य है जो बुरी हालत में है और इसके विकास के लिए जबरदस्त प्रयासों की जरूरत है। जन सुराज की अमेरिकी शाखा शुरू करने के बाद बिहारी प्रवासी समुदाय के साथ एक वर्चुअल बातचीत में, पूर्व चुनावी रणनीतिकार ने विश्वास जताया कि उनकी पार्टी अगले साल होने वाला बिहार विधानसभा चुनाव जीतेगी। साथ ही कहा कि सत्ता में आने के बाद वह शराब पर लगे प्रतिबंध को हटा देंगे और राजस्व का उपयोग स्कूली शिक्षा में सुधार के लिए करेंगे।

11वां सबसे बड़ा देश होता बिहार: प्रशांत
उन्होंने आगे कहा कि हमें यह महसूस करने की जरूरत है कि बिहार एक ऐसा राज्य है, जो बुरी हालत में है। अगर बिहार एक देश होता तो यह दुनिया में जनसंख्या के मामले में 11वां सबसे बड़ा देश होता। हम आबादी के मामले में जापान से आगे निकल गए हैं।उन्होंने यह भी कहा कि सबसे बड़ी चुनौती यह है कि बिहार की हालत में सुधार को लेकर समाज नाउम्मीद हो गया है। हालांकि, किशोर ने कहा कि सब कुछ खो नहीं गया है। पूर्व चुनावी रणनीतिकार ने कहा, ‘हम पिछले ढाई साल से जो कर रहे हैं, उससे निश्चित तौर पर उम्मीद बंधी है। लेकिन इसे एक ठोस चुनावी परिणाम में बदलने और आगे शासन के परिणाम में बदलने में समय लगेगा। जो कोई भी इसका हिस्सा बनना चाहता है, उसे कम से कम पांच-छह साल के लिए प्रतिबद्ध होना होगा।’

सूडान में चल रहे गृहयुद्ध की तुलना बिहार से की
प्रशांत किशोर ने कहा, ‘अगर 2025 में सरकार बनती है और हम इसी जल्दबाजी के साथ कड़ी मेहनत करते रहेंगे तो 2029-2030 तक बिहार अगर मध्यम आय वाला राज्य बन जाता है तो यह बड़ी बात होगी। यह वास्तव में एक असफल राज्य है क्योंकि यह आज सभी विकास मानकों पर खड़ा है। विफल राज्यों की विशेषताएं यहां की आबादी में दिखाई देती हैं। उदाहरण के लिए…कभी-कभी हम सोचते हैं सूडान में लोग गृहयुद्ध में 20 साल से क्यों लड़ रहे हैं। क्योंकि जब आप उस हालत में होते हैं, तो लोगों को इस बात की चिंता नहीं होती है कि हमारे बच्चे सूडान में कैसे पढ़ेंगे। वे चिंतित हैं कि किसे गोली मारनी है और कहां पकड़ना है। बिहार में भी यही स्थिति है। और हमें इसके बारे में पता होना चाहिए।’

डराने की कोशिश नहीं बल्कि हकीकत से…
उन्होंने बिहारी प्रवासी समुदाय से कहा कि वह ‘उन्हें डराने की कोशिश नहीं कर रहे हैं’ बल्कि उन्हें जमीनी हकीकत और आगे के लंबे सफर से अवगत करा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि जन सुराज 2025 (बिहार विधानसभा चुनाव) में जीतेंगे। इसके बारे में कोई संदेह नहीं है। चुनावी समझ के आधार पर मैं स्पष्ट रूप से देख सकता हूं कि हम जीतेंगे। अगर जन सुराज सत्ता में आती है तो उसकी शीर्ष प्राथमिकता स्कूली शिक्षा में सुधार करना होगा और शराब पर प्रतिबंध हटाने के बाद उत्पन्न राजस्व से वित्त पोषित होगा। उन्होंने अमेरिका में बिहारी प्रवासियों के सदस्यों से आग्रह किया कि वे जन सुराज के समर्थन और वोट के लिए अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को फोन करना शुरू करें।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER