TIO, नई दिल्ली।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में भाजपा की निगाहें कश्मीर संभाग में चुनाव लड़ रहे सात छोटे दलों के साथ निर्दलीय उम्मीदवारों पर है। पार्टी के आकलन के मुताबिक इनसे जुड़े उम्मीदवार कश्मीर की 47 सीटों में से 32 सीटों पर पीडीपी व नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन के खिलाफ मजबूती से लड़ रहे हैं।

पार्टी ने साफ किया कि अलगाववादी नेता और जम्मू-कश्मीर अवामी इत्तेहाद पार्टी के मुखिया रशीद इंजीनियर से भविष्य में किसी प्रकार का गठबंधन नहीं होगा। सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि कश्मीर के मतदाता पीपीडी, कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस से इतर नए विकल्प की तलाश कर रहे हैं। किसी भी सूरत में राज्य में इनकी सरकार नहीं बनने जा रही। जहां तक रशीद से समझौते की बात है तो आतंकवाद व टेरर फंडिंग से जुड़े ऐसे व्यक्ति से किसी समझौते का प्रश्न ही नहीं है। गौरतलब है कि लोकसभा की बारामुला सीट पर उमर अब्दुल्ला को हराने वाले रशीद हाल ही में जमानत पर छूटे हैं। उनकी पार्टी घाटी की 35 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।

पूर्ण राज्य का दर्जा जल्द देने की होगी कोशिश
मंत्री ने कहा कि अनुच्छेद 370 और 35 ए के खात्मे के बाद राज्य पटरी पर आता दिख रहा है। एक योजना के तहत राज्य को केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया। 370 खत्म होने पर सरकार ने भविष्य में पुरानी स्थिति बहाल करने का वादा किया था। सरकार इसे पूरा करेगी। उन्होंने कहा, लोकसभा चुनाव में 53 फीसदी लोगों ने वोट किया। अलगाववाद और पाकिस्तान समर्थक शक्तियां अब संविधान की शपथ लेकर चुनाव लड़ रही हैं। यह बदलाव हमारी बड़ी जीत है।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER