TIO, मुंबई।

महाराष्ट्र में इस वक्त चुनावों का माहौल गर्म हो चुका है। चुनाव की तारीखों के एलान के बाद सभी दल चुनाव मैदान में उतर चुके हैं। सभी दल तमाम सीटों पर लगातार अपने चेहरे घोषित कर रहे हैं। नतीजे 23 नवंबर को आएंगे। तब पता चलेगा कि किसने कहां से बाजी मारी? किसे आसान जीत मिली और कौन हारते-हारते जीत गया। चुनावों में लोगों की दिलचस्प उन सीटों पर भी रहती है, जहां उम्मीदवार कुछ मतों से मुकाबला जीतते हैं। दूसरी ओर कई सीटें ऐसी भी होती हैं, जहां प्रत्याशी बड़े मतों के अंतर से चुनाव में जीत दर्ज करते हैं।आइए जानते हैं 2019 में महाराष्ट्र में सबसे कम और सबसे ज्यादा अंतर से हार-जीत वाली सीटों के बारे में…

पहले जानते हैं कि 2019 के नतीजे कैसे थे?
2019 के विधानभा चुनावों में 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को सबसे ज्यादा 105 सीटें मिली थीं। वहीं, भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना को 56 सीटें आई थीं। दूसरी ओर एनसीपी को 54 सीटें जबकि उसकी सहयोगी कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं।

2019 में सबसे कम अंतर वाली सीटें कौन सी थीं?
बीते विधानसभा चुनाव में 1000 से कम अंतर वाली पांच सीटें थीं। ये सीटें थीं- चांदीवली, अजुर्नी-मोरगांव, दौंड, संगोला, कोपरगांव। इनमें दो-दो सीटें शिवसेना और एनसीपी के खाते में गईं और एक सीट भाजपा को मिली थी। चार सीटें ऐसी रहीं, जहां जीत का अंतर 1000 से 2000 वोट के बीच था। इनमें से एक-एक सीट पर समाजवादी पार्टी, भाजपा, निर्दलीय और एनसीपी के उम्मीदवार जीते थे। ये चार सीटें थीं- भिवंडी पूर्व, मुर्तिजापुर, मुक्ताईनगर और बीड।

कितनी सीटों पर जीत का अंतर 2000 से 5000 वोट के बीच था?
पिछले चुनाव में 28 सीटें ऐसी रहीं जहां जीत का अंतर 2000 से 5000 वोट के बीच था। इनमें से 12 सीटों पर भाजपा, छह सीटों पर एनसीपी, चार सीटों पर कांग्रेस, दो सीटों पर शिवसेना के उम्मीदवार जीते थे। इसके अलावा, एक-एक सीट एआईएमआईएम, बहुजन विकास आघाडी, भाकपा और निर्दलीय उम्मीदवारों के खाते में गई थी।

5,000 से 10,000 की बीच अंतर वाली सीटें कौन सी थीं?
2019 में हुए विधानसभा चुनाव की 35 सीटें ऐसी रहीं जहां जीत का अंतर 5,000 से 10,000 वोट के बीच था। इनमें से 14 सीटें भाजपा, आठ सीटें कांग्रेस, छह सीटें एनसीपी, तीन सीटें निर्दलीय, एक सीट पर शिवसेना के उम्मीदवार को जीत मिली थी। वहीं तीन सीटों पर अन्य उम्मीदवार जीते थे।

2019 में सबसे कम अंतर से कौन जीता था?

  • बीते चुनाव में 1000 से कम अंतर वाली पांच सीटें थीं। सबसे कम अंतर वाली जीत चांदीवली सीट पर हुई थी। यहां शिवसेना के दिलीप भाऊसाहेब लांडे केवल 409 वोट से चुनाव जीते थे।
  • दूसरी सबसे कम अंतर वाली जीत गोंदिया जिले के अजुर्नी-मोरगांव सीट पर मिली थी। यहां एनसीपी के प्रत्याशी चंद्रिकापुरे मनोहर गोवर्धन 718 वोट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे।
  • तीसरी सबसे छोटी जीत पूने जिले के दौंड सीट पर हुई थी। यहां भाजपा प्रत्याशी राहुल सुभाषराव कुल को 746 वोट से जीत मिली थी।
  • चौथी सबसे कम अंतर से जीत वाली सीट सोलापुर जिले की संगोला सीट पर हुई थी। यहां शिवसेना के प्रत्याशी शाहजीबापू राजाराम पाटिल ने 768 वोट से जीत दर्ज की थी।
  • पांचवीं सबसे छोटी जीत की बात करें तो वो अहमदनगर जिले के कोपरगांव सीट पर हुई। यहां एनसीपी के आशुतोष अशोकराव काले ने 822 वोट से जीत दर्ज की थी।

सबसे बड़ी जीत किसके खाते में गई थी?

  • 2019 में पांच सबसे बड़ी जीतों की बात करें तो इनमें तीन सीटें कांग्रेस और एक एक सीट भाजपा और एनसीपी के खाते में गई थी। सबसे बड़ी जीत हासिल करने वाले एनसीपी के अजित पवार थे। इन्होंने पुणे जिले की बारामती सीट से 2,33,461 वोट के अंतर से चुनाव जीता था।
  • दूसरी सबसे बड़ी जीत कांग्रेस के पतंगराव कदम के नाम हुई। वह सांगली जिले की पलुस-काडेगांव सीट पर 1,85,886 वोट से चुनाव जीते थे।
  • तीसरी सबसे बड़ी जीत किशन कथोरे की रही थी। ठाणे जिले की मुरबाड सीट से उतरे कथोरे 1,36,040 मत से चुनाव जीते थें।
  • चौथी सबसे बड़ी जीत कांग्रेस के धीरज विलासराव देशमुख को मिली थी। लातूर जिले की सीट लातूर ग्रामीण से उतरे धीरज ने 1,21,482 वोट से जीत हासिल की थी।
  • पांचवीं सबसे बड़ी जीत कांग्रेस के अशोकराव शंकरराव चव्हाण ने हासिल की थी। नांदेड़ जिले की भोकर सीट पर चव्हाण 97,445 मत से चुनाव जीते थे।
  • 10 सबसे बड़ी जीत की बात करें तो सीएम एकनाथ शिंदे नौवें नंबर पर रहे। शिवसेना नेता ठाणे जिले की कोपरी-पचपखड़ी सीट से 89,300 वोट से चुनाव जीते थे।
Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER