TIO, चंडीगढ़।

हरियाणा में इस वक्त चुनाव की सरगर्मी है। राज्य में 5 अक्तूबर को एक चरण में विधानसभा चुनाव होना है। नामांकन की प्रक्रिया गुरुवार (12 सितंबर) को समाप्त हो गई। नामांकन की प्रक्रिया पूरी होने के सभी 90 सीटों के मुकाबलों की तस्वीर साफ हो चुकी है। कई सीटों पर चेहरों ने सियासी लड़ाई को दिलचस्प बना दिया है। कई जगह पर परिवार के सदस्य ही आमने-सामने हैं। आइये जानते हैं ऐसी कितनी सीटें हैं जहां परिवार के सदस्यों के बीच लड़ाई है?

बंसीलाल की सियासी विरासत के लिए भाई-बहन में मुकाबला
हरियाणा की राजनीति में बात करते ही तीन ‘लाल’ का जिक्र जरूर आता है। इन्हीं में से एक बंसीलाल की सियासी विरासत के लिए मुकाबला इस चुनाव में देखने को मिलेगा। यह सियासी लड़ाई भिवानी जिले की तोशाम सीट पर होगी जहां चचेरे भाई-बहन आमने सामने हैं। सत्ताधारी भाजपा ने तोशाम सीट से विधायक रहीं किरण चौधरी की बेटी और पूर्व सांसद श्रुति चौधरी विधानसभा चुनाव में उतारा है। हरियाणा के पूर्व सीएम बंसीलाल की पोती श्रुति भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र से सांसद रह चुकी हैं।

वहीं, कांग्रेस ने अनिरुद्ध चौधरी को टिकट दिया है। अनिरुद्ध का ये पहला चुनाव होगा। वह भी बंसीलाल के पोते हैं। अनिरुद्ध के पिता रणबीर महेंद्रा बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं। यानी, चचेरे भाई-बहन इस चुनाव में आमने-सामने होंगे।

2019 के विधानसभा चुनाव में तोशाम का मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच हुआ। कांग्रेस ने किरण चौधरी को तो भाजपा ने शशि रंजन परमार को तोशाम सीट से उम्मीदवार बनाया। इस चुनाव में किरण ने शशि रंजन को 18059 वोटों के अंतर से परास्त किया था। पिछली बार की विधायक किरण चौधरी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गई हैं। हाल ही में किरण हरियाणा से भाजपा की राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुई हैं।

डबवाली में चाचा-भतीजे आपस में भिड़े
सिरसा जिले की डबवाली सीट पर भी मुकाबला परिवार के सदस्यों के बीच है। यहां चौटाला परिवार के दो सदस्य आदित्य देवीलाल चौटाला और दिग्विजय चौटाला आमने-सामने होंगे। ये दोनों रिश्ते में चाचा-भतीजे लगते हैं। देवीलाल के पोते आदित्य देवीलाल इंडियन नेशनल लोकदल के उम्मीदवार हैं, तो उनके सामने जननायक जनता पार्टी के दिग्विजय सिंह चौटाला हैं। आदित्य हाल ही में भाजपा छोड़कर इनेलो में शामिल हो गए और उन्हें डबवाली से टिकट मिला है। देवीलाल के सबसे छोटे बेटे जगदीश के बेटे हैं आदित्य। दिग्विजय सिंह चौटाला पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के भाई हैं।

वहीं डबवाली से भाजपा ने सरदार बलदेव सिंह मंगियाना, कांग्रेस ने अमित सिहाग और आप ने कुलदीप गदराना को अपना उम्मीदवार बनाया है। 2019 में यहां कांग्रेस के अमित सिहाग को जीत मिली थी। सिहाग ने भाजपा के टिकट पर उतरे आदित्य देवीलाल को 15647 मतों से शिकस्त दी थी जो अब इनेलो में शामिल हो चुके हैं।

रानियां में दादा-पोता के बीच मुकाबला
सिरसा जिले की एक अन्य सीट रानियां पर भी चुनावी जंग अपनों में होगी। रनिया से इनेलो ने देवीलाल के पड़पोते और पार्टी के वरिष्ठ नेता अभय सिंह चौटाला के बेटे अर्जुन चौटाला को अपना चेहरा बनाया है। वहीं देवीलाल के बेटे रणजीत चौटाला निर्दलीय ही चुनाव मैदान में उतरे हैं। वह रानियां विधानसभा सीट से टिकट चाह रहे थे, लेकिन भाजपा से उन्हें टिकट नहीं मिला। इस बात से नाराज रणजीत ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया और अब इसी सीट से निर्दलीय ताल ठोकी है।

इस सीट पर भाजपा ने शीशपाल कंबोज, कांग्रेस ने सर्व मित्र कंबोज और आप ने हैप्पी रानियां को अपना चेहरा घोषित किया है। इस बीच रणजीत ने दावा किया है कि जजपा उनके खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारेगी, बल्कि रानियां में उनका साथ देगी। 2019 में यहां से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर रणजीत चौटाला को जीत मिली थी। उन्होंने हरियाणा लोकहित पार्टी के गोबिंद कांडा को 19431 मतों से शिकस्त दी थी।

पुन्हाना में भाई के सामने भाई
मेवात जिले की पुन्हाना सीट की दो भाइयों के बीच होगी। यहां कांग्रेस ने मौजूदा विधायक इलियास खान को मैदान में उतारा है। वहीं भाजपा ने इलियास के सामने उनके ही चचेरे भाई ऐजाज खान को चेहरा बनाया है। ऐजाज उन दो मुस्लिम उम्मीदवारों में हैं जिन्हें भाजपा ने हरियाणा में टिकट दिया है। फिरोजपुर झिरका से नसीम अहमद को पार्टी का टिकट मिला है। इसके अलावा आप ने पुन्हाना में नायब ठेकेदार बिसरू को चेहरा बनाया है। 2019 में पुन्हाना सीट पर कांग्रेस के इलियास को जीत मिली थी। उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार रहीस खान को 816 मतों से हराया था।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER