TIO, पेरिस।

महिलाओं की 50 किग्रा कुश्ती स्पर्धा के फाइनल से बाहर होने के बाद गुरुवार को भारतीय पहलवान विनेश फोगाट ने चौंकाने वाला फैसला लेते हुए संन्यास का एलान कर दिया। बुधवार को उन्हें कैटेगरी से 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण फाइनल से डिसक्वालिफाई कर दिया गया था। इस मामले पर अब पहलवान बजरंग पूनिया का बयान आया है। उन्होंने दावा किया है कि वह हारी नहीं थी, उसे हराया गया है।

पूनिया ने किया बड़ा दावा
टोक्यो ओलंपिक 2020 के कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर विनेश का समर्थन करते हुए बड़ा दावा किया। उन्होंने लिखा, “विनेश आप हारी नहीं हराया गया है। हमारे लिए सदैव आप विजेता ही रहेंगी। आप भारत की बेटी के साथ-साथ भारत का अभिमान भी हो।”

विनेश ने किया संन्यास का एलान
पेरिस ओलंपिक में मिली निराशा के बाद पहलवान विनेश फोगाट ने संन्यास का एलान कर दिया। गुरुवार सुबह उन्होंने ट्वीट कर अपने इस फैसले की जानकारी दी। विनेश ने लिखा, “मां कुश्ती मेरे से जीत गई मैं हार गई माफ करना आपका सपना मेरी हिम्मत सब टूट चुके इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024 आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी माफी।”

विनेश ने की रजत पदक देने की अपील
इससे पहले बुधवार देर रात आई खबर के मुताबिक पेरिस के स्थानीय समयानुसार शाम करीब 5.51 बजे उन्होंने खेल पंचाट यानी कोर्ट आॅफ आर्बिट्रेशन आॅफ स्पोर्ट्स (उअर) के सामने खुद को रजत पदक देने की अपील की है। दरअसल, उन्होंने मंगलवार को लगातार तीन मैच जीतकर फाइनल में जगह बनाई थी। हालांकि, बुधवार को उनके वजन को मापा गया तो वह 100 ग्राम ज्यादा निकला। इसके बाद उन्हें डिसक्वालिफाई कर दिया गया था। खेल पंचाट खेल के लिए मध्यस्थता न्यायालय भी कहा जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब विनेश ने इस जगह अपील कर खुद को कम से कम रजत देने के लिए कहा है।

सीएम ने किया बड़ा एलान
वहीं, हरियाणा के मुख्यमंत्री ने बुधवार को विनेश फोगाट को रजत पदक विजेता को मिलने वाले सभी लाभ देने की घोषणा की। उनके इस फैसले का विनेश के चाचा महावीर फोगाट ने समर्थन किया। उन्होंने कहा,”यह मुख्यमंत्री की अच्छी पहल है। उन्होंने इस तथ्य को स्वीकार किया है कि विनेश को रजत पदक मिला है। यह एक अच्छा कदम है और मैं इसका समर्थन करता हूं। मैं हरियाणा सरकार को धन्यवाद देता हूं, अगर कभी अन्य एथलीटों के साथ ऐसा होता है तो इससे उन्हें प्रोत्साहन मिलेगा।”

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER