TIO, नई दिल्ली
बांग्लादेश में हिंदुओं पर जारी हमलों के बीच देश की अंतरिम सरकार के मुखिया मुहम्मद यूनुस ने धार्मिक गुरुओं से मुलाकात की। उन्होंने धार्मिक गुरुओं से मुलाकात कर देश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों की सटीक जानकारी मांगी। मोहम्मद यूनुस ने धार्मिक गुरुओं से मुलाकात कर कहा कि अल्पसंख्यकों पर हमले का मामला फिर सामने आया है। लेकिन वास्तविकता और विदेशी मीडिया में छप रही खबरों में जमीन-आसमान का अंतर है। उन्होंने कहा कि हम इस संबंध में सटीक जानकारी चाहते हैं और इस जानकारी को हासिल करने की प्रक्रिया स्थापति करना चाहते हैं।
हालांकि, मुहम्मद यूनुस ने किसी विशेष विदेशी मीडिया का उल्लेख नहीं किया लेकिन उनकी अंतरिम कैबिनेट के कई सहयोगी भारतीय मीडिया के एक वर्ग पर भ्रामक जानकारी फैलाने का आरोप लगाते हैं। यूनुस ने मुस्लिम, हिंदू, ईसाई और बौद्ध समुदायों के धर्मगुरुओं की एक मीटिंग को संबोधित करते हुए कहा कि विदेशी मीडिया में छप रही खबरों को पढ़ने के बाद मेरे दिमाग में कई सवाल उमड़ रहे थे, जिसके बाद मैंने यह मीटिंग बुलाई है। हम मीडिया में छप रही खबरों के संबंध में सटीक जानकारी इकट्ठा करने के लिए धार्मिक गुरुओं से सहयोग चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे उद्देश्यों के बीच में कोई अंतर नहीं है। कृपया हमें बताइए कि हमें सटीक जानकारी कैसे मिलेगी। कई बार आधिकारिक सूचना से भी कोई लाभ नहीं होता। यूनुस ने कहा कि बांग्लादेश के सभी नागरिकों के पास समान अधिकार हैं और ये सरकार की जिम्मेदारी है कि उनके अधिकारों की सुरक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि अगर अल्पसंख्यकों पर हमले की घटना होती है तो इस तरह की घटनाओं की जानकारी तुरंत इकट्ठा की जानी चाहिए और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। मुझे लगता है कि बांग्लादेश के अधिकतर लोग मुझसे सहमत होंगे। मतभेदों के बावजूद हम एक दूसरे के दुश्मन नहीं हैं। बता दें कि बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट और उनके भागकर भारत आने के बाद से वहां हिंसा भड़की हुई है। अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमले किए जा रहे हैं। हिंदू धर्मगुरु चिन्मय दास की गिरफ्तारी के बाद हालात और खराब हुए हैं।
चिन्मय दास की गिरफ्तारी के बाद भड़की हिंसा
बांग्लादेश के चटगांव इस्कॉन पुंडरीक धाम के अध्यक्ष चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी के बाद हालात बिगड़ते जा रहे हैं। चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी के विरोध में हिंदू समाज के लोग सड़कों पर उतर आए हैं। इस दौरान उन पर इठढ और जमात के कार्यकतार्ओं ने हमला कर दिया था, जिसमें 50 हिंदू घायल हो गए थे। चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों ने हर जिले में शांतिपूर्ण सभाएं आयोजित कीं। हालांकि इन शांतिपूर्ण सभाओं पर चरमपंथी समूहों ने हमले किए। इस्लामिक समूहों ने चटगांव में हिंदू समुदाय के सदस्यों पर हमला किया।
कौन हैं चिन्मय दास
चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी बांग्लादेश सनातन जागरण मंच के प्रमुख नेता और इस्कॉन चटगांव के पुंडरीक धाम के अध्यक्ष हैं। उन्हें लोग चिन्मय प्रभु नाम से भी जानते हैं। वह बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ सशक्त आवाज उठाते रहे हैं। बांग्लादेश में इस्कॉन के 77 से ज्यादा मंदिर हैं, और लगभग 50 हजार से ज्यादा लोग इस संगठन से जुड़े हुए हैं।