TIO, नई दिल्ली
दक्षिण एशिया में इस वक्त उठापटक का माहौल है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान पहले ही तनाव में घिरे हैं। इस बीच भारत के एक और पड़ोसी देश- बांग्लादेश में भी संकट शुरू हो चुका है। यह संकट कोई कूटनीतिक स्तर का नहीं है, बल्कि आंतरिक बदलावों से उभरी समस्या है। हालांकि, इससे दिक्कत सिर्फ बांग्लादेश के नागरिकों को ही नहीं, बल्कि वहां जाने वाले पर्यटकों को भी हो रही है।
क्या है बांग्लादेश में मौजूदा संकट?
बांग्लादेश की सत्ता से शेख हसीना के हटने के बाद से ही देश में उथल-पुथल का माहौल है। देश के निर्यात में काफी गिरावट दर्ज की गई है। इसके अलावा बांग्लादेश की विकास दर भी प्रभावित हुई है। इस बीच अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस का वह आदेश बांग्लादेश पर भारी पड़ रहा है, जिसके तहत देश के करेंसी नोटों को बदला जा रहा है। इसके चलते पूरे देश में मुद्रा की दिक्कतें शुरू हो गई हैं और स्थिति लगातार गंभीर हुई है।
क्या था यूनुस सरकार का आदेश, जिसके बाद आई ये समस्या?
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने पिछले साल देश के करेंसी नोटों से बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीब-उर रहमान की तस्वीर हटाने का आदेश दिया था। इसके चलते बांग्लादेश के केंद्रीय बैंक को ऐसे नए नोट लॉन्च करने हैं, जो बिल्कुल नई डिजाइन के होंगे। दिसंबर में यूनुस सरकार ने कहा था कि गले छह महीनों में 20 टका, 100 टका, 500 टका और 1,000 टका कीमत के नोट बाजार में आएंगे। केंद्रीय बैंक की प्रवक्ता और कार्यकारी निदेशक हुस्ने आरा शिखा ने तब कहा कि सरकार अगले छह महीने में नए डिजाइन वाले करेंसी नोट छापकर सकुर्लेट किए जाएंगे।
किन बदलावों के साथ नोट छापने की बात कही गई?
मुद्रा छापने के लिए जिम्मेदार सिक्योरिटी प्रिंटिंग कॉरपोरेशन और वित्त मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, नोटों को नए सिरे से डिजाइन किया जाना था। स्थानीय मीडिया ने केंद्रीय बैंक के सूत्रों के हवाले से बताया है कि बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान की तस्वीर अब नए नोटों पर नहीं दिखेगी। डिजाइन में शेख मुजीबुर्रहमान की तस्वीर के स्थान पर जुलाई में शेख हसीना के खिलाफ हुए प्रदर्शनों के भित्तिचित्रों को जगह दी जाएगी। इसके साथ ही मजहबी स्थलों और पारंपरिक बंगाली रूपांकनों को भी नोट पर प्रदर्शित किया जाएगा। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि नई डिजाइन समय के साथ सभी तरह के नोटों से बंगबंधु की तस्वीर को हटाने की व्यापक योजना का हिस्सा है। इसी महीने निविदा प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही नए नोटों की छपाई शुरू हो जाएगी और अगले वर्ष जून तक इन्हें प्रचलन में लाने की योजना है।