TIO, झांसी।
केरल एक्सप्रेस मामले की जांच में सामने आया कि पीडब्ल्यूआई ने जान बूझकर स्टेशन मास्टर को ट्रैक ठीक होने की एनओसी देकर केरल एक्सप्रेस दौड़ाई थी। ट्रेन जिस ट्रैक पर दौड़ रही थी, उसी ट्रैक को पीडब्ल्यूआई ने फिर से कटवा दिया था। गनीमत रही कि ड्राइवर ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोक दी, नहीं तो बड़ा हादसा हो जाता। रेल प्रशासन पीडब्ल्यूआई (पॉथवे इंस्पेक्टर) के विरुद्ध आपराधिक मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी कर रहा है।
तिरुवनंतपुरम से नई दिल्ली जाने वाली केरल एक्सप्रेस के दैलवारा-ललितपुर के बीच टूटी पटरी से गुजरने के मामले में मंडल रेल प्रबंधक दीपक कुमार सिन्हा ने जांच कमेटी गठित की थी। जांच में सामने आया कि पीडब्ल्यूआई ने रेल ट्रैक पैकिंग के लिए इंजीनियरिंग विभाग से डेढ़ घंटे का रेल ब्लॉक मांगा था। ब्लॉक मिलने के बाद काम हुआ और दोपहर 3.10 बजे सेक्शन इंजीनियर ने स्टेशन मास्टर को अनापत्ति पत्र जारी कर बताया कि ट्रैक मरम्मत के बाद ट्रेन संचालन के लिए तैयार है। इसके बाद स्टेशन मास्टर ने केरल एक्सप्रेस को दौड़ा दिया था। इसी बीच पीडब्ल्यूआई ने फिर से ट्रैक कटवा दिया।
यह था मामला
बीते सोमवार यानी 30 सितंबर को तिरुवंतपुरम से चलकर नई दिल्ली जाने वाली केरला एक्सप्रेस बड़े हादसे का शिकार होने से बची थी। रेल प्रशासन की गलती के चलते ट्रेन को ललितपुर के पास टूटी पटरी पर दौड़ा दिया गया था। जांच में इसकी पुष्टि हुई है। ट्रैक पर काम कर रेलकर्मियों ने ट्रेन को रोकने के लिए लाल झंडी दिखाई लेकिन तब तक ट्रेन के तीन कोच टूटी पटरी से आगे निकल गए थे। ट्रेन के झांसी पहुंचने पर यात्रियों ने जमकर हंगामा किया था।
ललितपुर के बीच ट्रैक टूटा होने से हो रही थी मरम्मत
अपने निर्धारित समय से 10 घंटे की देरी से चल रही ट्रेन नंबर 12625 केरला एक्सप्रेस दोपहर 2 बजे बीना पहुंची थी। यहां दैलवारा से ललितपुर के बीच ट्रैक टूटे होने पर रेलकर्मी ट्रैक मरम्मत का कार्य कर रहे थे। इसी बीच केरला एक्सप्रेस तेज गति से वहां आ गई। यहां काम रहे रेलकर्मियों ने ट्रेन को लाल झंडी दिखाकर रोकने का प्रयास किया, लेकिन ट्रेन नहीं रुकी। इसके बाद रेलकर्मी ट्रैक छोड़कर भाग खड़े हुए थे।
लाल झंडी देखकर लगाए थे इमरजेंसी ब्रेक
वहीं, जब ट्रेन के ड्राइवर की नजर लाल झंडी पर पड़ी तो उसने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर दिए थे। लेकिन तबतक ट्रेन के तीन कोच टूटी हुई पटरी से आगे निकल चुके थे। एकाएक लगे ब्रेक के चलते ट्रेन में जोरदार झटका लगा, जिससे यात्रियों में चीख पुकार मच गई थी। इसके बाद यात्रियों ने हंगामा करते हुए रेलवे के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी थी। गनीमत रही कि इस हादसे में किसी को नुकसान नहीं हुआ। लेकिन जब ट्रेन शाम 5 बजे झांसी पहुंची तो यहां यात्रियों ने रेल प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी की थी। मौके पर पहुंची आरपीएफ ने किसी तरह यात्रियों को समझा कर ट्रेन रवाना की गई थी।
वाराणसी में 300 रुपये देकर वंदे भारत ट्रेन पर कराया था पथराव, गिरफ्तार
300 रुपये देकर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन पर पथराव कराने के आरोपी मोहम्मद हुसैन उर्फ शाहिद को आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने गिरफ्तार किया है। आगे की कार्रवाई के लिए शाहिद को रेलवे सुरक्षा बल की व्यासनगर यूनिट को सौंप दिया गया है। बीते 23 अगस्त को काशी-व्यास नगर रेलखंड से गुजरने वाली रांची-वाराणसी वंदे भारत एक्सप्रेस पर पथराव किया गया था। वंदे भारत ट्रेन में लगे सीसी कैमरे की फुटेज की मदद से चंदौली निवासी पवन कुमार साहनी को गिरफ्तार किया गया था।
एटीएस ने पवन से पूछताछ की तो पता लगा कि हुसैन ने उसे 300 रुपये देकर पथराव कराया था। पवन शराब पीने का आदी है। एटीएस की पूछताछ में हुसैन ने बताया कि उसका मकसद ट्रेन पर पथराव कर उसकी स्पीड कम करना रहता है। स्पीड कम होने पर गेट और खिड़की के पास बैठे यात्रियों से मोबाइल छीनने में आसानी होती है। हालांकि शाहिद के जवाब से एटीएस संतुष्ट नहीं है। उसका मोबाइल जांच के लिए एटीएस ने कब्जे में लिया है।