TIO, नई दिल्ली।
हमास और इस्राइल बीते 11 महीने से जंग लड़ रहे हैं। इस्राइल द्वारा हमास को खत्म करने का संकल्प गाजा पट्टी के लोगों पर भारी पड़ रहा है। वहीं, हमास भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का दावा है कि हमास ने छह बंधकों के सिर के पीछे गोली मारकर मार डाला। इन लोगों के शव गाजा से बरामद किए गए। बंधकों की मौत से पूरे इस्राइल में गुस्सा भड़क गया है। यहां के लोग लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।
नेतन्याहू के घर के सामने हुआ प्रदर्शन
तेल अवीव में सोमवार को लगातार दूसरे दिन सरकार की आलोचना करते हुए हजारों प्रदर्शनकारी एकत्र हुए। यरुशलम में अज्जा (गाजा) स्ट्रीट पर प्रधानमंत्री नेतन्याहू के निजी आवास के सामने सोमवार रात विरोध-प्रदर्शन ने उग्र रूप ले लिया। इस्राइल पुलिस ने कहा कि पुलिस अधिकारियों को बड़ी संख्या में तैनात किया गया। पुलिस के सहयोग के बिना सड़कों पर मार्च करने की कोशिश की गई और कुछ प्रदर्शनकारियों ने लगाए गए बैरिकेड तथा पुलिसकर्मियों से भिड़ने की कोशिश की।
पीएम ने मांगी माफी
हालांकि विरोध-प्रदर्शन के बीच, पीएम नेतन्याहू ने बंधकों को बचाने में सक्षम नहीं होने के लिए माफी मांगी, लेकिन एक साथ रहने की अपील भी की। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हमास पर अधिक दबाव डालने का आह्वान किया ताकि युद्ध को समाप्त किया जा सके। उन्होंने कहा, ‘हम हमेशा हां कहते हैं, वे हमेशा नहीं कहते हैं, लेकिन उन्होंने इन लोगों की हत्या भी की है और अब हमें हमास पर अधिकतम दबाव की जरूरत है। हमास को रियायतें देनी होंगी।’
संघर्ष विराम वार्ता में रियायतें देने से इनकार
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस बात को सिरे से खारिज कर दिया कि इस्राइल गाजा युद्ध विराम वार्ता में रियायतें देकर जवाब देगा। उन्होंने कहा कि इन हत्यारों ने हमारे छह बंधकों को मार डाला, उन्होंने उनके सिर में पीछे से गोली मारी। वहीं, दूसरी ओर, बंधकों की हत्या से पूरे इस्राइल में शोक के साथ-साथ गुस्से की लहर फैल गई है। नागरिकों ने बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए समझौता न करने के कारण सरकार के प्रति गुस्सा जाहिर किया। इस्राइल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को कहा कि गाजा पट्टी से उनके शव बरामद होने से कुछ समय पहले छह बंधकों को करीब से गोली मारी गई थी।
सात अक्तूबर को हुए हमले का किया था नेतृत्व
सात अक्तूबर को दक्षिणी इस्राइल में हुए आतंकवादी हमले में 12 सौ लोग मारे गए थे और लगभग ढाई सौ लोगों को बंधक बनाया गया था। हमास के जिस समूह ने इस्राइल पर हमला किया था, उसका नेतृत्व याह्या सिनवर ने ही किया था। इसके बाद इस्राइल ने जवाबी कार्रवाई की, जो अभी भी जारी है।