TIO, अलीगढ़।

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय परिसर में बुधवार सुबह ठीक 9-16 पर एएमयूकर्मी दो सगे भाइयों पर भाड़े के शूटरों ने फायरिंग कर दी। मेडिकल कॉलोनी के पास हुई सनसनीखेज वारदात में दोनों भाई गोली लगने से जख्मी हो गए। जिन्हें मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। इस दौरान एएमयू सुरक्षाकर्मियों ने दो हमलावर मौके से ही दबोचकर पुलिस को सौंप दिए। जबकि एक फरार हो गया है। इस घटना के मूल में भाई की हत्या के बदले हत्या के इरादे से हमला कराया जाना उजागर हुआ है।

मूल रूप से जवां निवासी सगे भाई नदीम महमूद व कलीम महमूद एएमयू रजिस्ट्रार कार्यालय में कार्यरत हैं। दो माह पहले ही वे रंजिश के चलते गांव छोड़कर यहां मेडिकल कॉलोनी में आकर बसे हैं। एएमयू प्रशासन के मुताबिक रोजाना की तरह सुबह नौ बजे दोनों भाई घर से स्कूटी पर ड्यूटी के लिए निकले। कलीम स्कूटी चला रहा था, जबकि नदीम पीछे बैठा हुआ था।

जैसे ही वे मेडिकल कॉलोनी से कुछ आगे कैंपस में मिंटोई चौराहे पर पहुंचे। तभी पहले से घात लगाए खड़े बाइक सवार हमलावरों ने दोनों पर फायरिंग कर दी। हालांकि निशाना नदीम को बनाया गया। पीछे से चली एक गोली नदीम की कमर के रास्ते पेट में घुस गई। वहीं दूसरी गोली कलीम के सिर को जख्मी करते हुए निकल गई। एकाएक तीन-चार राउंड फायर होने से कैंपस में भ्रमण कर रहे एएमयू सुरक्षाकर्मी हरकत में आ गए। इस पर हमलावरों ने भागना उचित समझा। मगर घेराबंदी कर मौके से कुछ दूरी पर ही दो आरोपी पकड़ लिए गए। आनन-फानन दोनों घायलों को मेडिकल कॉलेज लाया गया। दोनों की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।

परिवार की बेटी से रिश्तों को लेकर शुरू हुई थी दोनों पक्षों में रंजिश
अलीगढ़ के जवां कस्बे के नदीम और नगला मल्लाह जीवनगढ़ के तालिब परिवार की रंजिश के मूल में परिवार की बेटी है, जिससे रिश्तों को लेकर उपजी रंजिश में तालिब के सिर पर भाई की हत्या का बदला लेने का ऐसा खून सवार हुआ कि उसने शूटरों को सुपारी दी थी। मौके पर पकड़े गए जाकिर नगर के रहीम व जुबैर ने स्वीकारा है कि उन्हें तालिब ने हत्या की सुपारी दी थी। उनकी तालिब से कहां मुलाकात हुई। कितने रुपये तय हुए। इस विषय में देर रात तक पूछताछ जारी थी। बताते हैं कि तालिब ने दूसरी बार हमला कराया। इस हमले में भी वही शूटर थे, जो पहले थे। इस बार भी निशाना नदीम था, मगर कई राउंड फायरिंग में गोली छोटे भाई को भी लगी है। फिलहाल पुलिस मुख्य आरोपी तालिब सहित अन्य को तलाश रही है।

चार वर्ष पहले हुई थी रंजिश की शुरूआत
पुलिस जांच में उजागर हुआ कि हमले में जख्मी नदीम व उसका भाई मूल रूप से जवां के रहने वाले हैं। इनके परिवार की किशोरी के संबंध नगला मल्लाह जीवनगढ़ के गालिब से थे। इस रिश्ते के विरोध में परिवार था। परिवार ने गालिब आदि पर पॉक्सो की धारा में तीन वर्ष पहले जवां में मुकदमा दर्ज कराया। इसके बाद किशोरी के दूसरे युवक अयाज से संबंध हो गए। इस पर गालिब ने गुस्से में अयाज का सिर मुंडवा दिया। इस घटनाक्रम के बाद अयाज और किशोरी ने योजना बनाकर डेढ़ वर्ष पहले गालिब को बातों में उलझाकर बुलाया और छेरत के पास उसकी हत्या कर शव खेतों में फेंक दिया। इस हत्या का मुकदमा गालिब के भाई तालिब ने किशोरी, उसके प्रेमी व नदीम पर कराया।

इस मामले में पुलिस ने अयाज व किशोरी को जेल भेजा, जबकि नदीम घटना के समय एएमयू में होने के नाते बच गया। तभी से तालिब नदीम के पीछे लगा था। सितंबर में नदीम पर जवां में हमला हुआ। उस हमले में तालिब व शूटर रहीम आदि जेल गए। तब से वह जमानत पर है।

स्थान बदलते ही जवां से हटी सुरक्षा
नदीम पर हमले के बाद जवां पुलिस ने उसे सुरक्षा दे रखी थी। दो माह पहले नदीम व उसका परिवार वहां से मकान छोड़कर मेडिकल कॉलोनी आ गए। इस पर जवां पुलिस ने सुरक्षा हटा दी। बाद में नदीम ने एएमयू प्रॉक्टर कार्यालय में सुरक्षा की अर्जी दी थी। एएमयू प्रशासन ने उसे नजरंदाज कर दिया। हालांकि तब से दोनों भाई एक साथ ड्यूटी जाते थे। मगर अब मौका पाकर फिर हमला हुआ।

आरोपी मकान बेचकर हुआ गायब
इस घटना के बाद जब तालिब को पुलिस ने तलाशना शुरू किया तो उजागर हुआ कि वह अपना मकान बेचकर काफी पहले जा चुका है। कहां गया है, इसकी जानकारी नहीं है। मगर उसकी पत्नी का नंबर पुलिस को मिला। सर्विलांस की मदद से भी दोनों का सुराग नहीं मिल पा रहा है।

कैंप में घटना, बाहरियों की आवाजाही पर सवाल
इस घटना की खबर पर एएमयू कुलपति प्रो. नईमा गुलरेज आदि मौके पर पहुंच गए। घायलों का भी हाल जाना। मगर एक बार फिर कैंपस में बाहरी अपराधियों की आवाजाही पर सवाल हो रहे हैं। वह तो गनीमत है कि सुरक्षा टीम सक्रिय थी और घेराबंदी कर दो लोगों को दबोच लिया। अगर न पकड़े जाते तो शायद पुलिस अंधेरे में हाथ पांव मारती रहती। तालिब से पुरानी रंजिश है। इसी रंजिश में मुकदमे चल रहे हैं। इसी क्रम में वह हमारे पूरे परिवार को खत्म करना चाहता है। पूर्व में भी आरोपी द्वारा हमला किया गया है। उसी क्रम में यह हमला हुआ है। हमारे परिवार को सुरक्षा की जरूरत है। कई बार अधिकारियों से कहा गया है। मगर सुनवाई नहीं हुई।-समीना, नदीम की पत्नी

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER