TIO, नई दिल्ली
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की सैन्य तैयारियों को देखकर पाकिस्तान को हर पल हमले का खौफ सता रहा है। इसी वजह से पाकिस्तान पूरी तरह से बौखलाया हुआ और दुनिया के अन्य देशों से मदद की गुहार लगा रहा है। पाकिस्तान ने इसी वजह से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में इस मुद्दे पर एक क्लोज डोर मीटिंग बुलाई थी ताकि अपना दुखड़ा रोकर बाकी देशों की सहानुभूति बंटोर सके, लेकिन वहां भी पड़ोसी देश की जमकर फजीहत हो गई है।
मीटिंग के बाद खुली ढअङ की पोल
संयुक्त राष्ट्र में इस क्लोज डोर मीटिंग के बाद पाकिस्तान के स्थाई प्रतिनिधि असीम इफ्तिखार अहमद ने झूठ फैलाते हुए कहा कि इस बैठक से जो हासिल करने का मकसद था वह पूरा हो गया है। उन्होंन यह भी दावा किया कि इस मीटिंग में जम्मू कश्मीर के मुद्दे को सुलझाने पर भी चर्चा हुई है। लेकिन जैसे-जैसे तस्वीर पूरी तरह साफ हुई तो पाकिस्तान की पोल खुलने लगी।
इस क्लोज डोर मीटिंग में पहलगाम हमले को लेकर पाकिस्तान से तीखे सवाल पूछे गए थे। यहां तक कि पहलगाम हमले के पीछे आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की भूमिका को लेकर भी पाकिस्तान को फटकार लगाई गई है। क्लोज डोर मीटिंग के दौरान यूएनएससी के सदस्य देशों ने भारत को लेकर पाकिस्तान की ओर से फैलाए जा रहे फ्लैस फ्लैग नैरेटिव को भी पूरी तरह खारिज कर दिया, जिसके जरिए पाकिस्तान खुद को विक्टिम दिखाकर भारत पर निशाना साध रहा है।
चीन का भी नहीं मिला साथ
सबसे हैरानी की बात यह रही कि यूएनएससीके स्थाई सदस्य अमेरिका, फ्रांस, रूस और ब्रिटेन ने पाकिस्तान से तीखे सवाल किए, साथ ही पाकिस्तान के ‘दोस्त’ चीन ने भी उसका साथ नहीं दिया, जिसके भरोसे पड़ोसी मुल्क उछल रहा था। पाकिस्तान यूएनएससी का अस्थाई सदस्य है और इसी हैसियत से उसने क्लोज डोर मीटिंग बुलाने का आग्रह किया था।
सूत्रों के मुताबिक बैठक में सदस्य देशों की ओर से न सिर्फ पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की गई, बल्कि धर्म पूछकर पर्यटकों को निशाना बनाने का मुद्दा भी उठाया गया। कुछ देशों ने पाकिस्तान की ओर से किए गए मिसाइल टेस्ट और परमाणु हथियारों की धमकी पर भी सवाल उठाए और इसे उकसावे की कार्रवाई बताया है। पाकिस्तान इस मुद्दे पर किसी तीसरे की दखल के अपने पुराने ढर्रे पर चलना चाहता था। लेकिन सदस्यों देशों ने इसे द्विपक्षीय मुद्दा बताते हुए किसी तरह की दखल से इनकार कर दिया।
न कोई प्रस्ताव आया, न बयान
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की इस क्लोज डोर मीटिंग का कुछ भी नतीजा नहीं निकला बल्कि इससे पाकिस्तान की थू-थू जरूर हो गई। इस बैठक के बाद किसी भी देश की ओर से न तो कोई प्रस्ताव लाया गया और न ही किसी ने इस पर कोई बयान दिया है। सिर्फ पाकिस्तान ही है जो दुनिया के सामने झूठ परोसने की विफल कोशिशों में जुटा है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने बीते दिनों दोनों पक्षों से बात कर तनाव कम करने की अपील की थी और इसी के बाद यह क्लोज डोर मीटिंग बुलाई गई थी।
दरअसल पाकिस्तान को किसी भी वक्त भारत की ओर से जवाबी हमले के डर सता रहा है। इसी खौफ में सैन्य कार्रवाई से बचने के लिए पाकिस्तान ने आनन-फानन में वठरउ की मीटिंग बुलाने की अपील की थी। उसकी कोशिश थी कि क्लोज डोर मीटिंग के जरिए बाकी देश भारत से संयम बरतने के लिए कहेंगे। पाकिस्तान ने साउथ एशिया में पैदा हो रहे तनाव को कम करने का हवाला देकर यह बैठक बुलाई थी।