TIO, वॉशिंगटन

पटियाला हाउस कोर्ट ने मुंबई आतंकी हमले के मुख्य साजिशकर्ता तहव्वुर राणा को 18 दिन की हिरासत में भेज दिया है। लंबी कोशिशों के बाद भारत लाए गए राणा से अब सरकारी एजेंसियां पूछताछ करेंगी। माना जा रहा है कि, राणा 2008 के हमलों को लेकर कई बड़े खुलासे कर सकता है। इसी बीच इस मामले पर अमेरिका की ओर से भी प्रतिक्रिया सामने आई है। अमेरिका ने भारत के साथ वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ने की प्रतिबद्धता को दोहराया है।

अमेरिका ने राणा के प्रत्यर्पण पर जताया गर्व
प्रेस ब्रीफिंग के दौरान अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा कि अमेरिका ने मुंबई हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने के भारत के प्रयासों का लगातार समर्थन किया है। उन्होंने राणा के प्रत्यर्पण पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि वह अब भारत के कब्जे में है और हमलों में उसकी भूमिका के लिए उसे मुकदमे का सामना करना पड़ेगा।

ब्रूस ने कहा, 9 अप्रैल को अमेरिका ने तहव्वुर हुसैन राणा को भारत प्रत्यर्पित किया ताकि वह 2008 के भयानक मुंबई आतंकवादी हमलों की योजना बनाने में अपनी भूमिका के लिए न्याय का सामना कर सके। इन हमलों में 166 निर्दोष लोगों की जान गई थी, जिनमें छह अमेरिकी नागरिक भी शामिल थे। ये हमले पूरी दुनिया को हिला कर रख देने वाले थे।

उन्होंने कहा, संयुक्त राज्य अमेरिका लंबे समय से भारत के इन प्रयासों का समर्थन करता रहा है कि इस हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा दी जाए। जैसा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने भी कहा है, अमेरिका और भारत मिलकर वैश्विक आतंकवाद के खतरे से लड़ना जारी रखेंगे। राणा अब भारत की हिरासत में है और हम इस परिणाम को लेकर खुश हैं।

इससे पहले गुरुवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने कई वर्षों की सतत और संगठित कोशिशों के बाद तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। एनआईए के अनुसार, राणा को अमेरिका में न्यायिक हिरासत में रखा गया था और भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि के तहत भारत की ओर से प्रत्यर्पण की कार्यवाही चलाई गई थी। कानूनी विकल्प समाप्त होने के बाद अंतत: उसका प्रत्यर्पण संभव हो सका।

भारत लाया गया मास्टरमाइंड राणा
इससे पहले मुंबई आतंकी हमलों के साजिशकर्ता तहव्वुर राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया। राणा को लेकर दिल्ली पहुंची राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष टीम में तीन अधिकारियों ने अहम भूमिका निभाई है, उसमें 1997 बैच के झारखंड कैडर के आईपीएस आशीष बत्रा, छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस अधिकारी प्रभात कुमार के अलावा झारखंड कैडर की महिला आईपीएस जया रॉय शामिल हैं।

दिल्ली लाए गए राणा को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के विशेष जज चंदर जीत सिंह की अदालत में पेश किया गया। एनआईए की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन और विशेष लोक अभियोजक नरेंद्र मान ने मामले की पैरवी की। एनआईए ने राणा की हिरासत को लेकर अपनी दलीलें पेश कीं। पटियाला हाउस कोर्ट ने तहव्वुर राणा को 18 दिन की हिरासत में भेज दिया है।

एनआईए ने 20 दिन की हिरासत की मांग की थी। एनआईए ने 26/11 मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा की पुलिस हिरासत को सही ठहराने के लिए उसके द्वारा भेजे गए ईमेल समेत कई पुख्ता सबूत पेश किए थे। एजेंसी ने अदालत को बताया कि भयावह साजिश का पदार्फाश करने के लिए हिरासत में पूछताछ बहुत जरूरी है। जांचकर्ता घातक आतंकी हमलों को अंजाम देने में राणा की भूमिका की भी जांच करेंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, राणा को अभी एनआईए के मुख्यालय में रखा गया है।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER