TIO, वॉशिंगटन।

अमेरिका ने 9/11 के मास्टरमाइंड खालिद शेख मोहम्मद के साथ एक समझौता करने का फैसला लिया था। इस समझौते के तहत अमेरिका खालिद शेख द्वारा आरोप स्वीकार करने के बदले मौत की सजा खत्म करने के तैयार है। हालांकि, इस घोषणा के दो दिन बाद ही अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड आॅस्टिन ने शुक्रवार को 9/11 के मास्टरमाइंड के साथ किए गए इस समझौते को रद्द कर दिया।खालिद शेख और अन्य दो आरोपियों के साथ किए गए इस समझौते से ऐसा प्रतीत हो रहा था, जैसे लंबे समय से जारी यह मामला अब खत्म होने वाला है। इस समझौते की खबर से 2001 में हुए हमले में मारे गए लोगों के परिजनों में गुस्सा फैल गया था। दरअसल, पीड़ितों और मृतकों के परिजनों का मानना है कि 11 सितंबर 2001 के हादसे में मारे गए करीब 3000 लोगों के परिवारवालों का मानना था कि आरोपियों को मौत की ही सजा होनी चाहिए।

लॉयड आॅस्टिन ने इस मामले को देखने वाली सुसान एस्केलियर को एक ज्ञापन में कहा, “आरोपियों के साथ प्री- ट्रायल समझौते के निर्णय को ध्यान में रखते हुए,इसकी जिम्मेदारी मुझ पर होनी चाहिए।” मेमो में आगे कहा गया, “मैं इस मामले में 31 जुलाई 2024 को आपके द्वारा हस्ताक्षरित तीन प्री-ट्रायल समझौतों को वापस लेता हूं।”

आजीवन कारावास की सजा के बदले साजिश का दोष स्वीकार करने पर हुई थी सहमति
स्थानीय मीडिया ने बताया कि खालिद शेख मोहम्मद, वालिद बिन अताश और मुस्तफा अल-हवसावी ने आजीवन कारावास की सजा के बदले साजिश का दोष स्वीकार करने पर सहमति व्यक्त की थी। मार्च 2003 में पाकिस्तान में पकड़े जाने से पहले खालिद शेख मोहम्मद को अल-कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन का सबसे भरोसेमंद व्यक्ति माना जाता था। साल 2006 में ग्वांतानामो पहुंचने से पहले उसने गुप्त सीआईए जेलों में तीन साल बिताया।

खालिद शेख ने बताया कि वह 9/11 के हमलों का मास्टरमाइंड था। इसके अलावा वह अमेरिका के खिलाफ कई साजिशों में भी शामिल था। बता दें कि उसने अमेरिका की यूनिवर्सिटी से ही अपनी पढ़ाई पूरी थी। ट्विन टावर को गिराने की योजना बनाने के अलावा खालिद शेख ने दावा किया कि उसने 2002 में अमेरिकी पत्रकार डैनियल पर्ल का सिर काट दिया था। इसके अलावा 1993 में उसने वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में भी बमबारी में की थी, जिसमें छह लोगों की मौत हुई थी।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER