TIO, भोपाल

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 1992 के कुख्यात अजमेर रेप कांड जैसा एक और संगीन मामला सामने आया है, जिसने पूरे राज्य में सनसनी फैला दी है। रायसेन रोड स्थित एक प्राइवेट कॉलेज में मुस्लिम छात्रों के एक गिरोह ने हिंदू छात्राओं को प्रेम जाल में फंसाकर उनके साथ दुष्कर्म किया और वीडियो बनाकर ब्लैकमेलिंग की। इस वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी देकर दरिंदों ने पीड़िताओं की सहेलियों को भी अपना शिकार बनाया।

पुलिस के मुताबिक, इस मामले का खुलासा तब हुआ जब बागसेवनिया थाने में 16 अप्रैल को एक युवती ने हिम्मत दिखाकर शिकायत दर्ज कराई। उसने बताया कि आरोपी फराज खान ने हिंदू नाम बताकर उसे प्रेम जाल में फंसाया और संबंध बनाए। इस दौरान उसका वीडियो रिकॉर्ड कर लिया गया, जिसके जरिए ब्लैकमेलिंग शुरू हुई। बाद में उसे फराज की असल पहचान पता चली। फराज ने उसे दो अन्य युवकों से मिलवाया, जिन्होंने भी उसके साथ दुष्कर्म किया। इस शिकायत के बाद उसी कॉलेज की दो अन्य छात्राओं ने भी इसी तरह की घटनाओं की शिकायत दर्ज कराई। अब तक तीन युवतियां सामने आ चुकी हैं, लेकिन कई अन्य ने बदनामी के डर से शिकायत दर्ज नहीं कराई है।

पुलिस ने इस मामले में दो मुख्य आरोपियों, फराज खान और साहिल खान, को गिरफ्तार कर लिया है। उनके फोन से कई लड़कियों के अश्लील वीडियो बरामद हुए हैं, जिससे इस गिरोह की करतूतों का और बड़ा खुलासा होने की आशंका है। मामले की गंभीरता को देखते हुए भोपाल पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्रा ने एक विशेष जांच दल (रकळ) का गठन किया है।

पुलिस कमिश्नर का बयान
कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्रा ने बताया, ”अब तक तीन युवतियों ने शिकायत दर्ज कराई है। इनमें से एक युवती घटना के समय नाबालिग थी, इसलिए दुष्कर्म की धाराओं के साथ पॉक्सो एक्ट के तहत भी केस दर्ज किया गया है। धार्मिक पहचान छिपाकर संबंध बनाने की बात सामने आई है, जिसके चलते धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम के तहत भी कार्रवाई की जा रही है। दो आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं, और अन्य पीड़िताओं का पता लगाया जा रहा है। एसआईटी सभी पहलुओं की गहन जांच कर रही है।”

वीडियो वायरल करने की धमकी देकर सहेलियों को बुलवाया
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपियों ने सुनियोजित तरीके से हिंदू लड़कियों को निशाना बनाया। पहले उन्हें प्रेम जाल में फंसाया गया, फिर उनके साथ संबंध बनाकर वीडियो बनाए गए। इन वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर पीड़िताओं पर अपनी सहेलियों या परिचित लड़कियों को भी आरोपियों से मिलवाने का दबाव बनाया गया। इसके बाद उन लड़कियों के साथ भी दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया। सभी आरोपी एक धर्म विशेष से ताल्लुक रखते हैं, जबकि पीड़ित लड़कियां हिंदू हैं।

1992 के अजमेर कांड से समानता
यह तरीका 1992 के अजमेर रेप कांड से हूबहू मिलता-जुलता है। राजस्थान के अजमेर में 1992 में एक मुस्लिम गिरोह ने एक बड़े कॉलेज की हिंदू छात्रा को प्रेम जाल में फंसाकर उसके साथ दुष्कर्म किया और उसकी तस्वीरें खींच लीं। इसके बाद ब्लैकमेलिंग के जरिए उसकी सहेलियों को भी निशाना बनाया गया। दावा है कि अजमेर कांड में 100 से ज्यादा लड़कियां शिकार बनी थीं। उस मामले ने देश भर में सनसनी मचा दी थी और कड़ी कानूनी कार्रवाई हुई थी।

भोपाल में बढ़ा तनाव, लोगों में आक्रोश
भोपाल की इस घटना ने स्थानीय लोगों और छात्र संगठनों में गुस्सा भर दिया है। कार्रवाई न होने पर कई संगठनों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन की बात कही है। पुलिस ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। इस बीच, एसआईटी की जांच से उम्मीद जताई जा रही है कि इस गिरोह के अन्य सदस्यों का भी जल्द पता लगाया जा सकेगा।

पुलिस की अपील
पुलिस ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और संवेदनशीलता के साथ मामले को देखने की अपील की है। साथ ही, अन्य पीड़िताओं से आगे आकर शिकायत दर्ज कराने का अनुरोध किया है, ताकि सभी दोषियों को सजा दिलाई जा सके।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER