TIO, ढाका।
उथल-पुथल की मार झेल रहे बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन हो चुका है। मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में इस सरकार में 17 प्रमुख हस्तियां शामिल हैं। अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ लेने के बाद यूनुस ने हिंदुओं पर हो रहे हमलों को साजिश करार दिया। उन्होंने कहा कि पीड़ितों की सुरक्षा सरकार की पहली प्राथमिकता है।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख प्रो. मोहम्मद यूनुस ने शपथ ग्रहण लेते ही कहा कि उनके नेतृत्व वाली सरकार देश के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। पेरिस से ढाका लौटने के बाद हवाईअड्डे पर यूनुस का सेना प्रमुख वकार उज जमां, वरिष्ठ अधिकारियों और छात्र नेताओं ने स्वागत किया।
उन्होंने यहां मीडिया से बातचीत में कहा, उनकी सरकार का पहला काम कानून-व्यवस्था को पटरी पर लाना, अव्यवस्था को नियंत्रित करना और अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को रोकना होगा। उन्होंने अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को साजिश बताया। उन्होंने जनता से आग्रह किया कि देश के पुनर्निमाण में उनका साथ दें। 2006 में शांति का नोबल हासिल करने वाले यूनुस ने कहा, आज हमारे लिए गर्व का दिन है। हमने दूसरी बार आजादी हासिल की है और हमें इसे सुरक्षित रखना है। मोहम्मद यूनुस ने देश के सभी लोगों से आग्रह किया कि उनकी बात सुनें।
उन्होंने कहा कि वह अंतरिम सरकार का प्रमुख बनने के लिए छात्रों और युवाओं के अनुरोध पर तैयार हुए हैं। यूनुस ने कहा, यदि आपको मुझमें भरोसा है तो आप यह सुनिश्चित करें कि देश के कहीं भी किसी पर भी कोई हमला नहीं होगा। यह हमारी पहली जिम्मेदारी है। यदि मैं ऐसा नहीं कर पाया और आपने मेरी बात नहीं मानी तो मेरा यहां होने का कोई मतलब नहीं है।
अबू सैयद को श्रद्धांजलि दी
यूनुस ने छात्र आंदोलन का अमिट चेहरा बन चुके अबू सैयद को श्रद्धांजलि दी जो आंदोलन की शुरूआत होने के बाद पुलिस की गोली का शिकार हाने वाले पहले लोगों में थे।
शपथ ग्रहण में भारतीय उच्चायुक्त भी रहे मौजूद
शपथ ग्रहण समारोह में ढाका में भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा भी मौजूद रहे। साथ ही खालिदा जिया की पार्टी बीएनपी के कई नेता, समाज के अलग-अलग वर्गों के लोग और ब्रिटेन, जापान, चीन, फिलीपीन, ईरान, अर्जेंटीना, कतर, नीदरलैंड और संयुक्त अरब अमीरात समेत कई देशों के राजनयिक भी मौजूद थे।
अमेरिका ने क्या कहा
बांग्लादेश के नए अंतरिम नेता मोहम्मद यूनुस के बारे में अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, ‘शपथ के बाद अंतरिम सरकार के साथ बातचीत हुई है। हमारे प्रभारी राजदूत आज उनके शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए।’ मिलर ने कहा, अमेरिका एक बात स्पष्ट कर चुका है कि हम अंतरिम सरकार को बांग्लादेश के लोगों के लिए एक लोकतांत्रिक भविष्य की रूपरेखा तैयार करते देखना चाहते हैं।
ये हैं अंतरिम सरकार के चेहरे
- प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस: बांग्लादेश के ग्रामीण बैंक के संस्थापक। गरीबों को 100 डॉलर से कम राशि का लोन देकर जमीनी स्तर पर आर्थिक हालात बदले। 2006 के नोबल शांति पुरस्कार से सम्मानित।
- डॉ. सलाहुद्दीन अहमद: मई 2005 से अप्रैल 2009 तक बांग्लादेश बैंक के गवर्नर रहे। देश के बैंकिंग क्षेत्र में व्यापक सुधार किया।
- ब्रिगेडियर जनरल सखावत हुसैन: 2007 से 2012 तक देश के चुनाव आयुक्त रहे। सेना में ब्रिगेडियर जनरल के पद से सेवानिवृत। सुरक्षा एवं रक्षा विशेषज्ञ।
- डॉ. मोहम्मद नजरूल इस्लाम: लॉ के प्रोफेसर, शोधार्थी और नागरिक समाज कार्यकर्ता। 2011 से 17 तक दक्षिण एशिया मानवाधिकार संस्था के ब्यूरो सदस्य रहे। संविधान व अंतरराष्ट्रीय कानूनों पर कई पुस्तकें लिखीं।
- अदिलुर रहमान खान: बांग्लादेश के मानवाधिकार संगठन ओधिकार (अधिकार) के संस्थापक और मानवाधिकार कार्यकर्ता। देश के डिप्टी अटॉर्नी जनरल रहे हैं और वकील के रूप में सेवाएं दी हैं
- एएफ हसन आरिफ: देश के सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील। 1970 से वकालत के पेशे में। 2001 से 2005 के बीच देश के अटॉर्नी जनरल रहे। कलकत्ता हाईकोर्ट से वकालत शुरू की।
- मोहम्मद तौहिद हुसैन: 2006-09 के बीच देश विदेश सचिव रहे। दक्षिण अफ्रीका में बांग्लादेश के उच्चायुक्त के रूप में सेवाएं दीं।
सईदा रिजवाना हसन: बांग्लादेश एनवायरनमेंटल लॉयर्स एसोसिएशन (बेला) की मुख्य कार्यकारी अधिकारी। एनवायरनमेंट लॉ अलायंस वर्ल्डवाइड की सदस्य। - सुप्रदीप चकमा: 1985 बैच के बांग्लादेश सिविल सर्विस अधिकारी। चटगांव हिल ट्रैक्ट डेवलपमेंट बोर्ड के अध्यक्ष। वियतनाम व मैक्सिको में बांग्लादेश के राजदूत रहे।
- फरीदा अख्तर: कृषि, मरीन फिशरीज, जनसंख्या और विकास के मुद्दों पर गहन शोध। उनकी संस्था यूबीआईएनआईजी बायोडायवर्सिटी आधारित खेती व्यवस्था को बढ़ावा दे रही है।
- बिधान रंजन रॉय: प्रो. बिधान रंजन रॉय पोद्दार साइकोलॉजी के विशेषज्ञ हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ मेंटल हेल्थ एंड हॉस्पीटल के साइकिएट्री विभाग के निदेशक सह प्रोफेसर।
- शर्मीन मुशीर्द: मानवाधिकार संगठन ब्रोती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी। यह संगठन लंबे समय से समाज के हाशिए के लोगों के लिए काम कर रहा है।
- एएफएम खालिद हुसैन: अबुल फयाज मोहम्मद खालिद हुसैन बांग्लादेश के देवबंदी इस्लामी विद्वान हैं। हिफाजत ए इस्लाम बांग्लादेश के पूर्व उपाध्यक्ष।
- फारूक ए आजम: नौसेना कमांडर फारूक ए आजम बांग्लादेश के स्वतंत्रता सेनानी रहे हैं। 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान आॅपरेशन जैकपॉट एकमात्र अभियान था जो पूर्ण तालमेल से अंजाम दिया गया था। इस अभियान के तहत चटगांव बंदरगाह पर हमले की जिम्मेदारी जिस टीम की थी फारूक उसके डिप्टी कमांडेंट थे।
- नूरजहां बेगम: नूरजहां बेगम प्रोफेसर यूनुस की आरंभिक सहयोगी और ग्रामीण बैंक से जुड़ी रही हैं।
नाहिद इस्लाम: शेख हसीना को सत्ता से उखाड़ फेंकने वाले छात्र आंदोलन का चेहरा। उन्होंने ही आरक्षण विरोधी आंदोलन की शुरूआत की। - आसिफ महमूद: छात्र आंदोलन के एक संयोजक और नाहिद के सहयोगी।