वाराणसी। ज्ञानवापी परिसर में व्यासजी के तहखाने में दर्शन पूजन आरंभ होने के बाद संत समाज के साथ ही काशी विद्वत परिषद के पदाधिकारियों ने भी पूजन किया। काशी विद्वत परिषद ने व्यासजी के तहखाने को नया नाम ज्ञान तालगृह दिया। कहा कि तहखाना नहीं, अब ज्ञान तालगृह के नाम से ही इसे जाना जाएगा। इस पर अखिल भारतीय संत समिति ने भी मुहर लगा दी। वहीं पांच पहर की आरती का समय भी तय कर दिया गया है। पहली आरती सुबह सुबह 3:30 बजे होगी।
प्रतिदिन की शुरूआत मंगला आरती से होगी। मंगला आरती- सुबह 3:30 बजे, भोग आरती- दोपहर 12 बजे, अपरान्ह- शाम 4 बजे, सांयकाल- शाम 7 बजे और शयन आरती- रात्रि 10:30 बजे होगी। इससे पहले ज्ञानवापी स्थित व्यासजी के तहखाने में पूजा के आदेश के बाद वादी शैलेंद्र पाठक ने बुधवार की शाम को जिलाधिकारी एस राजलिंगम से मुलाकात की और देवी-देवताओं के राग-भोग की तत्काल अनुमति मांगी। तहखाने के रिसीवर जिलाधिकारी ही हैं। लिहाजा, तहखाने में विग्रह को प्रतिष्ठित करके पूजा-अर्चना शुरू करा दी गई। विग्रह चयन के लिए प्रशासन ने एएसआई की सर्वे रिपोर्ट का अध्ययन कराया, फिर कोषागार में बंद तहखाने से मिले विग्रह को तत्काल निकलवाकर तहखाने में प्रतिष्ठित कराया।
रिपोर्ट में इन विग्रहों का जिक्र
एएसआई ने अपनी सर्वे रिपोर्ट में बताया कि तहखाने में हनुमान की दो, विष्णु और गणेश की एक, दो शिवलिंग और एक मकर प्रतिमा प्राप्त हुई है। इन विग्रहों के साथ ही 259 सामग्रियों को जिलाधिकारी की सुपुर्दगी में दिया गया था। इसे बतौर प्रमाण कोषागार में रखवाया गया है। जिला जज की अदालत से आदेश जारी होने के बाद वादी जिलाधिकारी के पास पहुंचे और जिला जज के आदेश का अनुपालन कराने की मांग रखी।
अधिवक्ताओं से राय लेने के बाद प्रशासन ने विग्रह का कराया चयन
प्रशासन ने इस मामले में शासकीय अधिवक्ताओं से विधिक राय लेने के बाद सबसे पहले तहखाने से विग्रह का चयन कराया। इसके साथ ही काशी विश्वनाथ धाम से व्यासजी के तहखाने के बीच रास्ता बनाने के लिए विशेषज्ञों की टीम को भेजा। टीम ने चार फीट के बैरिकेडिंग को काटने और यहां गेट लगाने की सलाह दी। इसके बाद प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों की निगरानी में व्यासजी के तहखाने तक पहुंचने के लिए ज्ञानवापी की बैरिकेडिंग को काटकर हटाया गया।
विग्रहों के चयन में अफसरों को लगे दो घंटे
अफसरों को सबसे ज्यादा मशक्कत विग्रहों के चयन में करनी पड़ी है। जिलाधिकारी की सुपुर्दगी में रखे गए विग्रहों के लिए कोषागार खोलने का आदेश जारी हुआ। इसके बाद कोषागार में रखे गए सभी 259 सामग्रियों में एएसआई की रिपोर्ट से मिलान कर आठ विग्रह अलग किए गए। इस बीच दो घंटे से ज्यादा का समय लगा। विग्रहों को रात 11 बजे काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में लाया गया।
शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए रात में किया काम
व्यासजी के तहखाने में पूजा पाठ और राग भोग के आदेश के अनुपालन के साथ प्रशासन शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए भी प्रयासरत रहा। यही कारण है कि काशी विश्वनाथ मंदिर में शयन आरती के श्रद्धालुओं के निकलने के बाद व्यासजी के तहखाने के रास्ते का निर्माण शुरू कराया गया। ताकि किसी तरह की नारेबाजी या अफवाह नहीं फैले। काम पूरा करने के बाद प्रशासन ने पूरी जानकारी साझा की।