TIO, चंडीगढ़
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) और पंजाब सरकार के बीच सोमवार को हुई बैठक बेनतीजा रही थी। इसके बाद किसानों ने एलान किया था कि वे पांच मार्च को चंडीगढ़ में धरना देंगे। इसके बाद मंगलवार सुबह पंजाब में कई किसान नेताओं के घरों में पुलिस ने दबिश दी। पुलिस ने मालवा के कई इलाकों में किसान नेताओं की गिरफ़्तारी के लिए दबिश लेकिन नाकाम रही। सूत्रों के अनुसार, किसानों को पुलिस की कार्रवाई का अंदेशा हो गया था।
भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष झंडा सिंह जेठूके के गांव में पंजाब पुलिस ने छापा मारा लेकिन पुलिस खाली हाथ लौट आई। वहीं लुधियाना भाकियू उगराहां के महासचिव घाघर सिंह को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। अबोहर में सुबह साढ़े 4 बजे किसान नेता सुखजिंदर सिंह राजन के घर पुलिस ने दबिश दी। किसान नेता ने कहा कि क्या हम क्रिमिनल हैं जो इतनी सुबह हमारे घर पुलिस भेजी गई है। अमृतसर में पुलिस ने भारतीय किसान यूनियन उगराहां के सदस्यों को गिरफ्तार किया। नवांशहर मेँ 15 के करीब किसान नेताओँ को अलग अलग थानोँ मेँ बिठाया गया है।
फरीदकोट में कौमी किसान यूनियन के प्रांतीय प्रधान बिंदर सिंह गोलेवाला समेत 15 किसानों को हिरासत में लिया गया है। भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां ब्लॉक अजनाला और जिला अध्यक्ष कश्मीर सिंह, ब्लॉक नेता जसपाल सिंह धनगाई, प्रगट सिंह चारपुर, रुपिंदर सिंह मदुछंगा, जिला नेता बाघेल सिंह कोट मुगल समेत सभी नेताओं के घरों पर पुलिस ने आज तड़के छापेमारी की। गांव वासियों ने पुलिस की घेराबंदी कर दी।
बरनाला से भारतीय किसान यूनियन कादियां के जिला अध्यक्ष जगसीर सिंह छीनीवाल, सिकंदर सिंह मान, बीकेयू उगराहां के मास्टर हरदीप सिंह टलेवाल, जज सिंह गहल, क्रांतिकारी किसान यूनियन के जिला नेता मंजीत राज, बीकेयू डकौंडा ब्लॉक शैहना के अध्यक्ष जगसीर सिंह सीरा को पुलिस ने हिरासत में लिया है।
सीएम ने गुस्से में बीच में छोड़ी थी बैठक
वहीं सोमवार को किसानों के साथ बैठक को मुख्यमंत्री भगवंत मान गुस्से में बीच में ही छोड़कर चले गए थे। इसके बाद किसानों ने 5 मार्च को चंडीगढ़ में पक्का मोर्चा लगाने की घोषणा कर दी। वहीं, बैठक के बाद सीएम मान ने एक्स पर लिखा- चक्का जाम करना, रेल रोकना या पंजाब बंद करना किसी समस्या का हल नहीं है। इन सबसे आम लोगों को परेशान होना पड़ता है। समाज के बाकी वर्गों के कामकाज और कारोबार पर भी इसका असर पड़ता है, जिसका ख्याल रखना चाहिए।
राजेवाल बोले-सीएम को ऐसा बर्ताव शोभा नहीं देता
बैठक के बाद किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि पिछली सरकारों के साथ भी उनकी बैठक हुई, लेकिन पहली बार किसी सीएम ने उनके साथ ऐसा व्यवहार किया है। वे गुस्से में बैठक छोड़कर चले गए। उन्हें ऐसा बर्ताव शोभा नहीं देता है। 5 मार्च को जो करना है कर लो, यह कहकर सीएम मान ने पूरे पंजाब के किसानों को चुनौती दी है। राजेवाल ने कहा कि अभी 18 में से कुल 8 मांगों पर ही अभी चर्चा हुई थी कि सीएम यह कहते हुए बैठक से निकलने लगे कि उनकी आंख ठीक नहीं है। राजेवाल ने कहा कि सीएम बिना किसी बात के भड़क गए, जबकि उन्होंने ऐसी कोई बात नहीं की।
उगराहां बोले-समय नहीं था तो बता देते
वहीं, भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के नेता जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि सीएम मान के पास अगर समय नहीं था, तो उन्हें पहले ही बता देना चाहिए था। जब किसान कोई प्रोग्राम रखते हैं, तो सरकार बैठक के लिए बुलाती है। हमने यह कभी नहीं कहा कि सीएम ने डरकर बैठक बुलाई है। बावजूद इसके मुख्यमंत्री का यह कहना गलत है कि मैं आपसे डरता नहीं हूं। उगराहां ने कहा कि 5 मार्च को पक्के मोर्चे के फैसले पर वह कायम हैं। अब मुख्यमंत्री पर निर्भर करता है कि वह हमें चंडीगढ़ आने देते हैं या नहीं। सरकार हमें घरों से भी हिरासत में ले सकती है। पहले बादल, कैप्टन व चन्नी के समय भी बैठकें हुई, लेकिन तरह से बैठक खत्म नहीं हुई। उगराहां ने कहा कि इस बात पर सहमति बनी गई थी कि धान की रोपाई 1 जून से शुरू की जाएगी, लेकिन अब यह मांग भी बीच में ही रह गई है, क्योंकि सीएम ने कहा है कि अगर 5 मार्च को किसान पक्का मोर्चा लगाएंगे, तो जितनी भी बातें पर सहमति बनी है, वो सब रद्द होंगी। बैठक में कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां भी शामिल थे। साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले 37 यूनियनों के 40 पदाधिकारियों ने भी भाग लिया।
डल्लेवाल के समर्थन में कल देशव्यापी सांकेतिक भूख हड़ताल
खनौरी मोर्चे पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का अनशन 98वें दिन भी जारी रहा। ड्रिप के माध्यम से डल्लेवाल को मेडिकल सहायता दी गई। किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ के मुताबिक संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के देशभर के नेताओं की आॅनलाइन बैठक हुई है। बुधवार को डल्लेवाल के आमरण अनशन के 100 दिन पूरे होने पर देशभर के किसान जिला व तहसील स्तर पर 1 दिन की सांकेतिक भूख हड़ताल की जाएगी। उन्होंने ज्यादा से ज्यादा किसानों से भूख हड़ताल में शामिल होने की अपील की है। 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला महापंचायतें होंगी।