TIO, नई दिल्ली
लिवर के हर दूसरे वयस्क मरीज को शराब की लत है। एम्स के एक शोध में इसका खुलासा हुआ है। शोध में पाया गया है कि पिछले 20 साल में शराब के कारण लिवर सिरोसिस के मरीज दोगुने हो गए। शोध में शामिल कुल मरीजों में से 43 फीसदी मरीजों का लिवर शराब पीने के कारण खराब हुआ।
विशेषज्ञ बताते हैं कि रहन सहन में आए बदलावके कारण शराब पीना जीवन शैली का हिस्सा बन गया है। स्कूल जाने वाले बच्चे भी शराब पीने से परहेज नहीं कर रहे। जिन घरों में शराब पीना आम बात है, उन घरों के बच्चों में इसकी आदत मिल रही है। यही कारण है कि एम्स के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग में 25 से 45 साल के लिवर सिरोसिस के मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है। गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. शालीमार ने बताया कि लोगों में बढ़े शराब के सेवन से विभाग में लिवर सिरोसिस के मरीज तेजी से बढ़े हैं। इनमें काफी मरीज गंभीर स्थिति में पहुंचते हैं।
शराब ऐसे करती है लिवर खराब
शराब के अधिक सेवन से लिवर कोशिकाओं को नुकसान होता है। इससे लिवर की सूजन (हैपेटाइटिस) हो सकती है। यह लिवर के कार्य को प्रभावित करता है और समय के साथ इसे स्थायी नुकसान पहुंच सकता है। शराब के सेवन से लिवर में वसा जमा होता है। यह लिवर के सामान्य कार्य में रुकावट डाल सकती है और बाद में लिवर सिरोसिस (लिवर का सिकुड़ना) बन जाता है।
बियर भी पहुंचाती है नुकसान
डॉ. शालीमार बताते हैं कि शराब के साथ बियर भी नुकसान पहुंचाती है। ओपीडी में मरीजों के साथ चर्चा के दौरान पता चला कि वह बियर पीते हैं, लेकिन उनकी मात्रा काफी अधिक होती है। उनको लगता है कि इससे शरीर को नुकसान नहीं होगा, लेकिन इसके कारण भी समस्या बढ़ी है। ऐसा देखा गया है कि कुछ लोगों में समस्या कुछ दिनों में ही गंभीर हो जाती है। जबकि कुछ लोगों में समस्या लंबे समय के बाद देखने को मिली। जब तक काफी स्थिति गंभीर हो गई?थी।
43.2 फीसदी को हुआ शराब के कारण सिरोसिस
भारत में सिरोसिस का एटियोलॉजिकल स्पेक्ट्रम: एक व्यवस्थित समीक्षा और मेटा-विश्लेषण विषय पर हुए शोध में देशभर से 41,432 लोगों को चुना गया। इन पर कुल 147 शोध हुए। इस शोध में शराब के कारण 17,898 (43.2%) मरीजों में, हेपेटाइटिस बी वायरस के कारण 4764 (11.5%) मरीजों में, हेपेटाइटिस सी वायरस के कारण 2568 (6.2%) मरीजों में और नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर रोग/ क्रिप्टोजेनिक रोग के कारण 5966 (14.4%) मरीजों में सिरोसिस हुआ।
2005 में यह था आंकड़ा
देश में शराब के कारण सिरोसिस होने का आंकड़ा 2005 से पहले 20 फीसदी के करीब था। जबकि हेपेटाइटिस बी वायरस के कारण मरीजों की संख्या 22 फीसदी से अधिक थे। शोध में साल 2005 से लेकर 2022 तक के मरीजों पर अध्ययन किया गया। अध्ययन में पिछले तीन दशकों में शराब से संबंधित सिरोसिस का अनुपात काफी बढ़ गया है, जबकि वायरल से संबंधित सिरोसिस के अनुपात में गिरावट देखी गई है।