TIO, नई दिल्ली

राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद से ही डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका में अवैध तरीके से रह रहे प्रवासियों को लेकर सख्त हैं। उनकी सरकार लगातार अवैध प्रवासियों की शिनाख्त कर उन्हें वापस भेज रही है। कहा जा रहा है कि अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे 205 प्रवासियों के जत्थे को अमेरिकी मिलिट्री प्लेन से भारत लाया जा रहा है।

सूत्रों के हवाले से खबर है कि अवैध प्रवासी भारतीयों का पहला जत्था अमेरिकी उ-147 प्लेन से भारत आ रहा है। अमेरिका के सैन एंटोनियो से सेना का ये प्लेन लगभग छह घंटे पहले उड़ान भर चुका है। सूत्रों का कहना है कि इस प्लेन में 205 अवैध भारतीय प्रवासी हैं। इन सभी की पहचान कर इन्हें वापस लाया जा रहा है। खबर है कि भारतीय प्रवासियों को लेकर आ रहा अमेरिकी एयरफोर्स का ये प्लेन अमृतसर में लैंड कर सकता है। हालांकि, अभी इसकी पुष्टि नहीं की गई है। प्लेन रिफ्यूलिंग के लिए जर्मनी में थोड़ी देर के लिए रुक सकता है।

बता दें कि ट्रंप प्रशासन ने इससे पहले ग्वाटेमाला, पेरू और होंडूरास के अवैध प्रवासियों को भी उनके मुल्क भेज दिया था। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने टेक्सास के अल पासो और कैलिफोर्निया के सैन डिएगो में हिरासत में रखे गए 5000 से अधिक अवैध अप्रवासियों को भी उनके देशों में भेजना शुरू कर दिया है। प्यू रिसर्च सेंटर के आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिका में लगभग 7।25 लाख अवैध भारतीय अप्रवासी रहते हैं। यह आंकड़ा अवैध प्रवासियों की तीसरी सबसे बड़ी संख्या का है। पहले स्थान पर मेक्सिको और दूसरे पर अल सल्वाडोर है।

पिछले महीने भारत सरकार ने कहा था कि अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे भारतीय नागरिकों को वापस लेने के मामले में भारत हमेशा तैयार रहा है। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा था कि भारत यह जांच कर रहा है कि अमेरिका में कितने भारतीय अवैध रूप से रह रहे हैं और इन्हें वापस भेजा जा सकता है या नहीं।

अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा डिपोर्टेशन प्रोग्राम
डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति बनते ही अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा डिपोर्टेशन प्रोग्राम शुरू किया है। इस प्रोग्राम के तहत ट्रंप ने अवैध प्रवासियों को उनके मुल्क भेजने की कवायद शुरू कर दी है। पिछले हफ्ते ब्लूमबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि भारत और अमेरिका ने ऐसे लगभग 18000 भारतीयों की शिनाख्त की है, जो अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे हैं। पिछले हफ्ते अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने भारत के विदेश मंत्री एस। जयशंकर से मुलाकात की थी और अवैध प्रवासियों से जुड़ी समस्या का समाधान करने की इच्छा जताई थी।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER