TIO, भोपाल

मौनी अमावस्या के मौके पर प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ के कारण हुई मौतों को लेकर कांग्रेस सांसद और एमपी के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने राज्यसभा में चर्चा की मांग की है। दिग्विजय सिंह ने राज्यसभा में नियम 267 के तहत स्थगन का नोटिस देकर चर्चा की मांग की हैं।

दिग्विजय सिंह ने अपने ट्वीट में लिखा- कल मैंने व लगभग सभी राज्यसभा विपक्षी पार्टी के संसद सदस्यों ने कुंभ में दु:खद घटना पर सभी विषयों को स्थगित कर सदन में चर्चा कराने की मांग की थी। लेकिन सभापति जी ने हमारी मांग खारिज कर दी। यहां तक सदन द्वारा इस दुखद घटना में जो श्रद्धालुओं की मृत्यु हुई है उनकी स्मृति में राज्य सभा में शोक प्रस्ताव की भी इजाजत नहीं दी। क्या यह न्याय पूर्ण है?

सभापति को दिया स्थगन पर चर्चा का नोटिस
दिग्विजय सिंह ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को नियम 267 के तहत स्थगन पर चर्चा कराने नोटिस दिया है। दिग्गी ने अपने नोटिस में लिखा- राज्यसभा में प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियमों के नियम 267 के तहत, मैं सदन के निर्धारित कार्यों को स्थगित कर प्रयागराज महाकुंभ 2025 में 29 जनवरी 2025 को हुई दुखद भगदड़ पर चर्चा कराने हेतु यह नोटिस प्रस्तुत कर रहा हूं।

जानकारी मिली कि 6 जगह भगदड़ हुई
दिग्विजय सिंह ने आगे लिखा- प्रारंभिक रिपोर्टों में बताया गया था कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में संगम क्षेत्र में 30 श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई और 60 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए। हालांकि, हाल ही में सामने आई जानकारियों से यह पता चला है कि कम से कम छह अन्य स्थानों पर भी भगदड़ हुई, जिससे वास्तविक मृतकों की संख्या और सरकार द्वारा दी गई जानकारी की पारदर्शिता पर गंभीर प्रश्न उठते हैं। कई प्रमुख संतों, विशेष रूप से शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज ने प्रशासन से कुंभ मेले में अव्यवस्था और घटना के सही आंकड़ों की अनुपलब्धता पर सवाल उठाए हैं।

इस घटना ने करोड़ों श्रृद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर चिंताओं को जन्म दिया
दिग्गी ने लिखा- महाकुंभ जैसे विशाल धार्मिक आयोजन में उचित भीड़ प्रबंधन की कमी, मृतकों की संख्या को लेकर सूचना को छुपाने के आरोप, और संत समाज को सही जानकारी से वंचित रखने की घटनाओं ने जनमानस में भारी आक्रोश उत्पन्न कर दिया है। इस घटना ने करोड़ों श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताओं को जन्म दिया है, जिसके लिए सदन में तत्काल चर्चा आवश्यक है।

इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर तत्काल चर्चा सुनिश्चित करने के लिए सभी निर्धारित कार्यों को स्थगित किया जाए, जिससे जवाबदेही सुनिश्चित हो, पीड़ितों को न्याय मिले और भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा सकें।

 

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER