TIO, वॉशिंगटन

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीते दिनों अपने एक आदेश से विदेशों को वरअकऊ के जरिए दी जाने वाली आर्थिक मदद रोक दी थी। अब अमेरिका के विदेश विभाग ने अपने एक ताजा बयान में कहा है कि यूएसएड अपने मूल मिशन से भटक गई है और इसकी फंडिंग का अहम हिस्सा अमेरिकी हितों के अनुरूप नहीं है। विदेश विभाग ने बताया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विदेश मंत्री मार्को रुबियो को यूएसएड का कार्यवाहक प्रशासक नियुक्त किया है। गौरतलब ट्रंप प्रशासन ने कहा है कि अब यूएसएड के जरिए होने वाली फंडिंग की समीक्षा की जाएगी और अमेरिकी हितों को ध्यान में रखते हुए इसका पुनर्निर्धारण किया जाएगा।

क्या कहा अमेरिकी विदेश विभाग ने
विदेश विभाग ने बयान में कहा कि ‘द यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलेपमेंट पर विदेशों में अमेरिका के हितों को बेहतर करने की जिम्मेदारी थी, लेकिन यह एजेंसी अपने मूल मिशन से बहुत पहले ही भटक चुकी है। अब साफ है कि यूएसएड द्वारा होने वाली फंडिंग के अहम हिस्से से अमेरिका के हित नहीं सध रहे। ऐसे में इस पर फिर से नियंत्रण करने और एजेंसी के कामकाज को समझने के लिए राष्ट्रपति टंप ने विदेश मंत्री मार्को रुबियो को इसका कार्यवाहक प्रशासक नियुक्त किया है।’

‘विदेश मंत्री मार्को रुबियो अब इसके बारे में कांग्रेस को सूचित करेंगे और इसकी समीक्षा करेंगे, जिसके बाद इसका पुनर्निर्धारण किया जाएगा।’ अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि ‘हमारा मानना है कि यूएसएड, अमेरिका प्रथम एजेंडे के तहत काम करे और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि अमेरिकी नागरिकों के टैक्स का पैसा बर्बाद न हो।’

यूएसएआईडी के कर्मचारियों को मुख्यालय न आने का निर्देश
अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएसएआईडी) के कर्मचारियों को सोमवार को ही उनके वॉशिंगटन स्थित मुख्यालय में न जाने का निर्देश दिया गया। बता दें कि यूएसएआईडी अमेरिकी सरकार की एक स्वतंत्र एजेंसी है। इसकी स्थापना 1961 में तत्कालीन राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी ने की थी। ये एजेंसी नागरिक विदेशी सहायता और विकास सहायता का काम करती है। इस संस्था का मिशन वैश्विक स्वास्थ्य, आर्थिक विकास, आपदा और लोकतांत्रिक सुधार के मुद्दे पर काम करना है। यह एजेंसी मौजूदा समय में 100 से अधिक देशों में काम करती है। यह एजेंसी कई बार मानवीय संकटों को दूर करने में वैश्विक स्तर पर मदद करके अमेरिका की विदेश नीति को आगे बढ़ा चुकी है।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER