TIO, इंग्लैंड

 भोपाल में भव्य विमोचन के बाद, लेखक ऋतेश निगम की पुस्तक ‘श्रीमद् भगवद् स्वगीता’ ने अब इंग्लैंड में अपनी जगह बना ली है। मध्यप्रदेश से जुड़े एनआरआई संगठन फ्रेंड्स ऑफ एमपी (FOMP) के रेडिंग चैप्टर द्वारा इस पुस्तक पर एक विशेष चर्चा का आयोजन किया गया। यह संगठन, जो राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है, एनआरआई समुदाय को एकजुट करता है।

कार्यक्रम के दौरान, ऋतेश निगम ने गीता को जर्नल प्रारूप में प्रस्तुत करने की अपनी प्रेरणादायक यात्रा साझा की। उन्होंने बताया कि कैसे इंग्लैंड में रहते हुए उन्होंने यह विचार विकसित किया और इसे अपनी 15 साल की आध्यात्मिक साधना के साथ जोड़ा। ऋतेश ने कहा, “हर दिन एक श्लोक लिखना मेरी आध्यात्मिक यात्रा का हिस्सा बना। यही प्रेरणा मेरी पुस्तक का मूल है, ताकि कोई भी व्यक्ति अपनी गति से गीता के साथ अपनी आध्यात्मिक यात्रा शुरू कर सके।”

इस परिचर्चा में रेडिंग और आसपास के परिवारों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। भोपाल में हुए विमोचन समारोह की तरह ही यहां भी प्रतिभागियों ने मंडाला गतिविधि में हिस्सा लिया, जहाँ गीता के श्लोकों को रंगने और सजाने का अनुभव प्रदान किया गया। इस रचनात्मक प्रक्रिया ने उपस्थित लोगों को गीता के साथ गहरे व्यक्तिगत जुड़ाव का अनुभव कराया।

ऋतेश ने आयोजन को सफल बनाने के लिए एफओएमपी के सदस्यों—नीरज पटेल, मनीष मालवीय, सुनय झेलावत, विपिन गुप्ता और अन्य प्रतिभागियों का आभार प्रकट किया। उन्होंने विशेष रूप से उपस्थित महिलाओं का उल्लेख किया, जिनके योगदान ने आयोजन में ऊर्जा और उत्साह जोड़ा।

कार्यक्रम के अंत में, ऋतेश ने कहा, “‘स्वगीता’ की यात्रा इंग्लैंड में एक विचार के रूप में शुरू हुई, भोपाल में इसे साकार किया गया, और अब इसे इंग्लैंड में वापस लाना एक गहरा और संतोषजनक अनुभव है। गीता का संदेश सीमाओं से परे है और यह हर किसी को जोड़ता है।”

इस अवसर पर ऋतेश ने अपनी पुस्तक से छह-शब्दीय श्लोक प्रस्तुत किया:
*“समस्त शुभम्, समस्त सुखम्, समस्त शान्तिम्”*
(“सभी के लिए शुभ, सुख और शांति।”)

यह आयोजन इस बात का प्रतीक है कि गीता का शाश्वत ज्ञान, जो भोपाल से शुरू हुआ, अब सीमाओं को पार करते हुए इंग्लैंड के लोगों को भी प्रेरित कर रहा है। ‘श्रीमद् भगवद् स्वगीता’ आज के समय में गीता को व्यक्तिगत और सरल प्रारूप में प्रस्तुत करने का एक अभिनव प्रयास है, जो हर उम्र और पृष्ठभूमि के पाठकों के लिए प्रासंगिक है।

जल्द ही स्वगीता के और कार्यक्रम इंग्लैंड के अन्य शहरों में भी होंगे। स्वगीता और आने वाले कार्यक्रमों की जानकारी के लिए www.SwaGita.com पर जाएं

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER