TIO, मुंबई

बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने एक बार फिर अपने बयान से विवाद खड़ा कर दिया है। इस बार उन्होंने बॉलीवुड फिल्मों को निशाना बनाया है। अभिनेता ने कहा है कि बॉलीवुड फिल्में भारत की सही तस्वीर पेश नहीं कर रही हैं। नसीरुद्दीन शाह का मानना है कि सिनेमा का सबसे महत्वपूर्ण कार्य अपने समय का रिकॉर्ड रखना है, लेकिन चिंता की बात यह है कि अगर भविष्य की पीढ़ियां आज के भारत को समझने के लिए बॉलीवुड फिल्मों को देखेंगी तो उन्हें बड़ी निराशा होगी।

फिल्म देखने के बाद सोच बदल जाती है
निशांत, आक्रोश, स्पर्श और मासूम जैसी फिल्मों में अपने दमदार अभिनय के लिए मशहूर रहे नसीरुद्दीन शाह ने केरल साहित्य महोत्सव (केएलएफ) में कहा, ‘मुझे लगता है कि मौजूदा फिल्में भारत का सही चित्र नहीं पेश कर रही हैं। गंभीर सिनेमा का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य दुनिया में बदलाव लाना नहीं है। मुझे नहीं लगता कि एक फिल्म देखने के बाद किसी की सोच बदल जाती है, चाहे वह कितनी भी शानदार क्यों न हो। हां, इससे आपको कुछ सवाल उठाने में मदद मिल सकती है।’

सच्चाई दिखाने वाली फिल्म पर लगता है बैन
नसीरुद्दीन ने अभिनेत्री पार्वती थिरुवोथु के साथ बातचीत में कहा, ‘अगर 100 साल बाद लोग जानना चाहेंगे कि 2025 का भारत कैसा था और उन्हें कोई बॉलीवुड फिल्म मिल जाए तो मुझे लगता है कि यह एक बड़ी त्रासदी होगी।’ उन्होंने उन कठिनाइयों के बारे में भी बात की, जिनका सामना फिल्म निमार्ताओं को समय की वास्तविकताओं को दशार्तीं फिल्में बनाते समय करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि सच्चाई को दिखाने की कोशिश करने वाली फिल्मों को अक्सर प्रतिबंध का सामना करना पड़ता है या दर्शक पाने में संघर्ष करना पड़ता है।

नसीरुद्दीन शाह के विवादित बयान
इससे पहले भी नसीरुद्दीन शाह कई बार विवादित बयान दे चुके हैं। अपनी फिल्म ‘ताज: डिवाइडेड बाय ब्लड’ के प्रमोशन के दौरान मुगल बादशाह अकबर की भूमिका निभाने वाले नसीरुद्दीन ने एक ऐसा बयान दिया, जिससे विवाद खड़ा हो गया। उन्होंने कहा, ‘मुगल भारत में लूटपाट करने नहीं आए थे।’ नसीरुद्दीन शाह ने कुछ मुगल शासकों को खलनायक बनाए जाने पर चिंता व्यक्त की और भारत में उनके योगदान की घटती मान्यता पर सवाल उठाया। इस टिप्पणी ने चचार्ओं की झड़ी लगा दी, जिसमें कई लोगों ने उनके विचारों का विरोध किया।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER