TIO, नई दिल्ली

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के दोषी संजय रॉय को सजा-ए-मौत नहीं मिलने पर पश्चिम बंगाल सरकार ने हाई कोर्ट का रुख किया है। राज्य सरकार ने संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा देने के निचली अदालत के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की है। ममता सरकार ने दोषी को सजा-ए-मौत की सजा दिए जाने की अपील की है। इससे पहले दोषी को उम्रकैद की सजा मिलने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नाराजगी जताई थी।

ममता बनर्जी ने कहा था कि इसके लिए उनकी सरकार हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। सोमवार को कोलकाता की एक कोर्ट ने संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट द्वारा सजा सुनाए जाने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि कोलकाता पुलिस दोषी के लिए मृत्युदंड सुनिश्चित करती, लेकिन जांच को सीबीआई के हवाले कर दिया गया।

‘सजा से सहमत नहीं’
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुर्शिदाबाद जिले में मीडिया से बात करते हुए बनर्जी ने कहा, “मैं सजा से सहमत नहीं हूं। हम सभी ने मौत की सजा की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मामला हमसे जबरन छीन लिया गया। अगर यह (कोलकाता) पुलिस के पास होता, तो हम सुनिश्चित करते कि उसे मौत की सजा मिले। ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया पर मामले से जुड़ा एक पोस्ट भी किया, जिसमें उन्होंने लिखा, “मैं यह देखकर वास्तव में हैरान हूं कि आज कोर्ट के फैसले में पाया गया है कि यह Rarest of Rare मामला नहीं है। मुझे पूरा यकीन है कि यह वास्तव में Rarest of Rare मामला है, जिसके लिए मृत्युदंड की जरूरत है।”

उन्होंने आगे कहा कि हम इस जघन्य और संवेदनशील मामले में सजा-ए-मौत चाहते हैं। इस मामले में मृत्युदंड क्यों नहीं दिया गया? यह एक जघन्य अपराध है, जिसके लिए सजा-ए-मौत दी जानी चाहिए। हम अब हाई कोर्ट में दोषी को मृत्युदंड देने की मांग करेंगे। कोलकाता रेप-मर्डर केस में दोषी पाए गए संजय रॉय को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। फैसले की सबसे अहम बात यह है कि दोषी संजय रॉय को जिंदगी भर जेल में ही रहना होगा। यह फैसला कोलकाता के सियालदाह की सत्र अदालत ने सुनाया है। इस मामले में पीड़िता डॉक्टर के परिवार सहित सीबीआई ने भी फांसी की सजा मांगी थी। हालांकि, कोर्ट ने फांसी की सजा न देकर उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोषी संजय पर 50 हजार रुपए का जुमार्ना भी लगाया है। अदालत ने इस मामले को दुर्लभ यानी फं१ी२३ ङ्मा फं१ी नहीं माना। इसलिए फांसी की सजा नहीं सुनाई है।

दोषी ने कोर्ट में क्या कहा?
सजा सुनाने से पहले जज ने संजय रॉय से कहा, “मैंने तुम्हें पहले ही बताया था कि तुम पर लगाए गए सभी आरोप (रेप और मर्डर) आरोप साबित हो चुके हैं। संभावित सजा के बारे में तुम क्या कहना चाहोगे?” इस पर संजय ने अपने जवाब में कहा, “मुझे बिना किसी वजह के फंसाया गया है। मैं हमेशा रुद्राक्ष की माला पहनता हूं, अगर मैं अपराध करता तो क्राइम सीन में ही माला टूट जाती। मुझे बोलने नहीं दिया गया। कई कागजों पर जबरदस्ती साइन करवाए गए।”

सभी सबूतों की बारीकी से जांच की: जज
मामले में दोषी पाए गए संजय रॉय ने जज से पूछा था, “मुझे फंसाने वाले अन्य लोगों को क्यों छोड़ा जा रहा है?” इसके जवाब में जज अनिर्बान दास ने कहा था, “मैंने सभी सुबूतों की बारीकी से जांच की है और गवाहों को सुना है, मुकदमे के दौरान दलीलें भी सुनी हैं। इन सबसे गुजरने के बाद मैंने तुम्हें दोषी पाया है। तुम दोषी हो। तुम्हें सजा मिलनी ही चाहिए।”

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER