TIO, दावोस

विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की पांच दिवसीय बैठकें सोमवार से दावोस में शुरू हो रही हैं। इन बैठकों में सोमवार से दुनिया के अमीर और ताकतवर लोग जुटेंगे। भारत इस बार अपना अब तक का सबसे बड़ा दल दावोस भेज रहा है। डब्ल्यूईएफ के इस बैठक के लिए तैयारी भी तेज हो चुकी है। यूरोप का सबसे ऊंचा शहर दावोस अभेद्य किले में तब्दील हो चुका है। स्विट्जरलैंड के लगभग 5,000 सैनिकों ने इस छोटे से स्कीइंग रिजॉर्ट शहर को अपने नियंत्रण में ले लिया है।

60 शीर्ष राजनेता बैठक को करेंगे संबोधित
दावेस में होने वाले विश्व आर्थिक मंंच में देश भर के दिग्गज नेता शामिल होने वाले है। अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज व यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की सहित दुनिया के शीर्ष 60 राजनेता डब्ल्यूईएफ की बैठक को संबोधित करेंगे।

डब्ल्यूईएफ के संस्थापक व अध्यक्ष का बयान
वहीं डब्ल्यूईएफ के संस्थापक व अध्यक्ष क्लॉस श्वाब ने दावेस में होने वाली बैठक को लेकर कहा कि वर्ष की शुरूआत में सरकारों, व्यापार व नागरिक समाज के लगभग 3,000 दिग्गजों को एक साथ लाने के मामले में दावोस अद्वितीय है। इसका उद्देश्य गहन परिवर्तन में दुनिया की चुनौतियों का समाधान तलाश करना तथा आने वाले युग को अधिक टिकाऊ व समावेशी आकार देना है। विभिन्न स्थितियों व बड़ी अनिश्चितताओं के बावजूद बैठक सहयोग व रचनात्मक आशावाद की भावना को बढ़ावा देगी।

भारत भेज रहा सबसे बड़ा दल
भारत इस बार अपना सबसे बड़ा दल दावोस भेज रहा है। इसमें पांच केंद्रीय मंत्री, तीन मुख्यमंत्री व कई राज्यों के मंत्रियों के साथ ही करीब 100 मुख्य कार्यपालक अधिकारी सरकार, नागरिक समाज एवं कला तथा संस्कृति के क्षेत्रों से जुड़े दिग्गज शामिल हैं। केंद्रीय मंत्रियों में अश्विनी वैष्णव, सीआर पाटिल, चिराग पासवान, जयंत चौधरी व के राम मोहन नायडू शामिल होंगे।

अश्वनी वैष्णव करेंगे भारत का प्रतिनिधित्व
विश्व आर्थिक मंच के इस बैठक में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्वनी वैष्णव प्रतिनिधित्व करने वाले है। इसको लेकर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक नीतियों को लेकर वैश्विक स्तर पर काफी रुचि देखने को मिल रही है। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की बैठक में भी ये नीतियां चर्चा के केंद्र में रहेंगी। 20-24 जनवरी तक दावोस में चलने वाली डब्ल्यूईएफ की बैठक का आगाज सोमवार को होगा। वैष्णव भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं।

साथ ही वैष्णव ने रविवार को कहा, विश्व आर्थिक मंच में हमारी विचार प्रक्रिया को समझने, प्रधानमंत्री की आर्थिक नीतियों, डिजिटल बदलाव व डिजिटल ढांचा तथा प्रौद्योगिकी के लोकतांत्रिकरण को लेकर काफी रुचि देखने को मिल रही है। बैठक में समावेशी वृद्धि, भौतिक, डिजिटल बुनियादी ढांचे में निवेश व प्रौद्योगिकी के लोकतांत्रिकरण के बारे में विस्तृत वार्ता होगी। रेलवे, इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री वैष्णव ने कहा, पीएम मोदी ने समावेशी विकास व ऐसी वृद्धि पर ज्यादा ध्यान केंद्रित किया है, जो समाज के सबसे निचले तबके के लोगों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी। एजेंसी

नेताओं में हो रही महाकुंभ की चर्चा
दावोस में उत्तर प्रदेश की भी मौजूदगी रहेगी। यहां नेताओं में अभी से प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। महाराष्ट्र सरकार ने सात लाख करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने का लक्ष्य रखा है। बैठक में आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु व अन्य राज्य भी भाग ले रहे हैं। केंद्र अपने मंत्रियों व शीर्ष अधिकारियों के जरिये अपना मत रखेगी।

भारत 2025 में मजबूत आर्थिक विकास दर्ज करेगा: अर्थशास्त्री
बैठक से पहले दुनियाभर के मुख्य अर्थशास्त्रियों के सर्वेक्षण में कहा गया कि 2025 में वैश्विक आर्थिक स्थितियों के कमजोर होने की आशंका है। हालांकि, भारत अपनी कुछ रफ्तार गंवाने के बावजूद मजबूत वृद्धि दर्ज करेगा। सर्वेक्षण में शामिल 56% मुख्य अर्थशास्त्रियों ने स्थितियों के वैश्विक आर्थिक स्थिति कमजोर होने की आशंका जताई। सिर्फ 17% अर्थशास्त्रियों का मानना था कि स्थिति में सुधार होगा। सर्वेक्षण के अनुसार, अमेरिकी अर्थव्यवस्था के 2025 में मजबूत वृद्धि दर्ज करने की उम्मीद है।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER