TIO, जोधपुर

राजस्थान उच्च न्यायालय से मिली अंतरिम जमानत के बाद स्वयंभू धर्मगुरु आसाराम जोधपुर के पाल गांव स्थित अपने आश्रम लौटा। पुलिस ने बुधवार को इसकी पुष्टि की है। अस्पताल के बाहर और आश्रम के आसपास उसके अनुयायियों की खासी भीड़ जमा थी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि आसाराम पिछले कुछ दिनों से जोधपुर के एक आयुर्वेदिक अस्पताल में पैरोल पर भर्ती था। मंगलवार देर रात वह अस्पताल से निकलकर सीधे अपने आश्रम के लिए रवाना हुआ।

अस्पताल के बाहर जमा समर्थकों की भारी भीड़ ने अस्पताल से बाहर निकलते ही माला पहनाकर जयकारों के साथ आसाराम का स्वागत किया गया। आश्रम पहुंचने पर भी वहां मौजूद अनुयायियों ने उसका जोरदार स्वागत किया। राजस्थान उच्च न्यायालय ने मंगलवार को आसाराम को 31 मार्च तक अंतरिम जमानत दी। यह जमानत स्वास्थ्य कारणों के आधार पर दी गई है। अदालत ने इस दौरान उसे अपनी पसंद की जगह पर इलाज कराने की अनुमति दी है। हालांकि इस दौरान उसे जमानत की शर्तों का पालन करना होगा। आसाराम के वकील निशांत बोरा ने बताया कि यह जमानत विशेष परिस्थितियों को देखते हुए दी गई है, ताकि वह अपनी बीमारियों का उपचार करवा सके।

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने भी पिछले सप्ताह बलात्कार मामले में आसाराम को 31 मार्च तक अंतरिम राहत प्रदान की थी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि आसाराम विभिन्न बीमारियों से पीड़ित है और उसे विशेष चिकित्सा की आवश्यकता है। गौरतलब है कि आसाराम को अप्रैल 2018 में जोधपुर की एक निचली अदालत ने 2013 के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इस मामले में उस पर आरोप था कि उसने अपने आश्रम में एक नाबालिग से बलात्कार किया था। अदालत ने इस मामले को दुर्लभ से दुर्लभतम श्रेणी में रखा था।

आसाराम को मिली यह अंतरिम जमानत उसके स्वास्थ्य के आधार पर दी गई है। इस मामले की अगली सुनवाई 31 मार्च को होगी, जहां जमानत की अवधि पर पुनर्विचार किया जाएगा।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER