TIO, मुंबई
राज्य के प्रत्येक श्रमिक का विकास केवल आर्थिक स्तर पर नहीं, बल्कि सामाजिक, मानसिक और शारीरिक स्तर पर भी हो, इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है। यह आश्वासन महाराष्ट्र के श्रम मंत्री मा . अड. आकाश फुंडकर ने दिया। 7 जनवरी 2025 को मुंबई मंत्रालय में भारतीय मजदूर संघ प्रदेश, विदर्भ प्रदेश के शिष्टमंडल के साथ बैठक के दौरान श्रम मंत्री ने यह विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर भारतीय मजदूर संघ के क्षेत्रीय संगठन मंत्री सी. वी. राजेश, अखिल भारतीय ठेका मजदूर महासंघ के महामंत्री सचिन मेंगाळे, महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष अड. अनिल ढुमणे, प्रदेश महामंत्री श्री किरण मिलगीर, विदर्भ प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र गणेशे, महामंत्री गजानन गटलेवार, संघटन मंत्री बाळासाहेब भुजबळ, विशाल मोहिते, सागर पवार, श्रीमती शर्मीला पाटील, श्रीमती संजना वाडकर , हरी चव्हाण, हर्षल ठोंबरे और अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद थे।
बैठक के दौरान श्रम मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार श्रमिकों के लिए नई श्रम नीतियां तैयार करेगी। इसके साथ ही हर जिले में श्रमिक बीमा अस्पताल स्थापित करने का प्रयास किया जाएगा। असंगठित श्रमिकों के विकास के लिए फंड जुटाने की योजना भी सरकार के विचाराधीन है, जिससे बीमा और स्वास्थ्य योजनाओं को लागू किया जाएगा। भारतीय मजदूर संघ के प्रतिनिधियों ने अपनी मांगों को श्रम मंत्री अड. आकाश फुंडकर के सामने रखा। इस दौरान श्रमिकों की समस्याओं, उनकी कठिनाइयों और मांगों की स्थिति पर विस्तार से चर्चा की गई।
महत्वपूर्ण मांगें
1. महाराष्ट्र सरकार श्रम नीतियां तैयार करे।
2. भगवान विश्वकर्मा जयंती को राष्ट्रीय श्रमिक दिवस के रूप में मनाया जाए।
3. बिजली उद्योग को खतरनाक उद्योग की श्रेणी में रखते हुए न्यूनतम वेतन का अलग मानदंड बनाया जाए।
4. सुरक्षा गार्ड्स के लिए अलग वेतन श्रेणी तैयार कर न्यूनतम वेतन लागू किया जाए।
5. लंबित न्यूनतम वेतन दर को जल्द से जल्द घोषित किया जाए।
6. बीड़ी मजदूरों के लिए न्यूनतम वेतन लागू करने हेतु त्रिपक्षीय बैठक आयोजित की जाए।
7. घरेलू श्रमिक कल्याण बोर्ड के लिए वित्तीय प्रावधान किए जाएं।
8. निर्माण क्षेत्र की केंद्रीय श्रमिक संगठनों को नोडल केंद्र के रूप में मान्यता दी जाए।
9. नगर पंचायत/ग्राम पंचायत के श्रमिकों को कर्मचारी वीमा योजना और प्राव्हीडंड फंड का लाभ दिया जाए।
10. हरियाणा सरकार की तर्ज पर ठेका मुक्त रोजगार नीति लागू की जाए।