TIO, पटना,
बीपीएससी की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर पटना के गांधी मैदान में आमरण अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले भौर में ही उन्हें धरना स्थल से डिटेन किया गया था। इससे पहले पुलिस की टीम प्रशांत किशोर को एंबुलेंस से एम्स ले गई थी। इस बीच पटना पुलिस ने धरनास्थल को खाली करा लिया है। प्रशांत किशोर को पटना के गांधी मैदान से जबरन हटाकर एम्बुलेंस से एम्स ले जाया गया था। बताया जा रहा है कि पुलिस की ये कार्रवाई सोमवार तड़के सुबह साढ़े तीन से चार बजे के बीच हुई थी। बताया जा रहा है कि पुलिस के एक्शन के दौरान पीके अपने समर्थकों के साथ धरना स्थल पर सो रहे थे।
प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी पर जन सुराज पार्टी ने कहा कि प्रशांत किशोर को आज सुबह पुलिस आमरण अनशन से हिरासत में ले गई है और पिछले पांच घंटे से उन्हें पटना के आसपास घुमा रही है। पुलिस उन्हें एम्स में एडमिट नहीं करा पाई क्योंकि वहां जन सुराज के समर्थक भारी संख्या में जमा हो गए। अभी तक पुलिस उनका मेडिकल जांच नहीं करा पाई है और उन्हें एंबुलेंस में लेकर घूम रही है।
भाजपा बोली- जिस जगह पर पीके धरने पर बैठे वह प्रतिबंधित
– बीजेपी ने प्रशांत किशोर को हटाए जाने पर प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि प्रशांत किशोर जी जगह धरने पर बैठे हुए थे, वह प्रतिबंधित क्षेत्र है। हाईकोर्ट ने भी उसे क्षेत्र में धरना प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा रखा है। इसके बावजूद प्रशांत किशोर वहां धरने पर बैठे हैं। प्रशासन उन्हें चार दिनों से धरना खत्म करने के लिए कह रहा था। जब प्रशांत किशोर नहीं हटे तो आखिरकार विधि संवत कार्रवाई की गई।
पटना डीएम डॉ। चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि जन सुराज पार्टी के प्रशांत किशोर और अन्य कुछ लोग पांच सूत्रीय मांगों को लेकर गैरकानूनी रूप से गांधी मैदान के प्रतिबंधित इलाके में गांधी की प्रतिमा के सामने प्रोटेस्ट कर रहे थे। प्रशासन ने उन्हें नोटिस जारी कर गर्दनीबाग में जाकर प्रोटेस्ट करने को कहा था। प्रतिबंधित इलाके में गैरकानूनी रूप से प्रोटेस्ट करने को लेकर एफआईआर भी दर्ज की गई है। प्रशासन की ओर से बार-बार किए गए आग्रह और उन्हें पर्याप्त समय दिए जाने के बावजूद उन्होंने जगह खाली नहीं की। आज, उन्हें कुछ अन्य समर्थकों के साथ डिटेन किया गया।
प्रशांत किशोर के खिलाफ पुलिस के एक्शन पर जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि छात्रों ने प्रशांत किशोर को नकार दिया। कंबल वाले प्रशांत किशोर और वैनिटी वैन वाले पीके को छात्र समझ चुके हैं। हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ गांधी मैदान में बैठकर प्रशांत किशोर ने नियमों की अनदेखी की। उनके खिलाफ प्रशासन ने नियमों के तहत एक्शन लिया है।
जब पटना पुलिस प्रशांत किशोर को एम्स से लेकर निकली तो खूब बवाल हुआ। प्रशांत किशोर के समर्थकों और पुलिस के बीच खूब धक्क-मुक्की हुई। प्रशांत किशोर के समर्थक एंबुलेंस के सामने लेट गए थे, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें घसीटकर हटाया। एम्स के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। अस्पताल एक तरह से पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है।
जन सुराज पार्टी के समर्थकों का कहना है कि साढ़े तीन बजे भौर में सोए हुए लोगों पर लाठी चलाना, लात चलाना सही है क्या? पुलिस के द्वारा प्रशांत किशोर के फेस पर मारा गया। मतलब ये जानलेवा हमले की कोशिश है। वर्दी के भेष में क्रिमिनल जैसे काम किया है। प्रशांत किशोर कर क्या रहे ते? वे बिहार की जनता के लिए इंसाफ मांग रहे थे। अब नीतीश कुमार के जानेका समय आ गया है। प्रशांत किशोर को जबरन कैद करके रखा गया। प्रशांत किशोर पर हाथ चलाना बिल्कुल निंदनीय है। उन्होंने कोई गैरकानूनी काम नहीं किया है। इनसे सरकार डर गई है। प्रशांत किशोर को गुप्त रूप से लेकर गई है। हमें बताया तो जाए कि उन्हें कहां ले जाया गया है। समाचार एजेंसी द्वारा शेयर किए गए एक वीडियो में पटना पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को प्रशांत किशोर और उनके समर्थकों के विरोध के बावजूद धरना स्थल से जबरन हटाते हुए देखा जा सकता है।
‘मैं इतनी जल्दी बीमार नहीं’
इससे पहले आमरण अनशन के बीच अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंताओं को संबोधित करते हुए किशोर ने कहा, ‘यह हमारे लिए निर्णय का विषय नहीं है कि हम इसे (विरोध) जारी रखेंगे या नहीं। हम जो अभी कर रहे हैं वही करते रहेंगे, इसमें कोई बदलाव नहीं होगा। हम ( जन सुराज पार्टी (जन सुराज पार्टी) 7 तारीख को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करेगी। मैं इतनी जल्दी बीमार नहीं पड़ूंगा। मैं अभी ठीक हूं, सब मेरा गला थोड़ा-सा खराब है। डॉक्टरों ने मुझे सोने के लिए कहा है, कोई गंभीर बात नहीं है।
परीक्षा रद्द करने कई जगहों पर हो रहे प्रदर्शन
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की हालिया परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर कई जगहों पर प्रदर्शन किए गए। इसके बाद भी 4 जनवरी को तय समय पर री-एग्जाम का आयोजन हुआ ।वहीं, जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर 70 वीं बीपीएससी परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर गांधी मैदान में अनशन पर बैठ गए। प्रशासन ने इसे “अवैध” करार देते हुए उन्हें अनशन का स्थान बदलने की अपील की थी, लेकिन उन्होंने (प्रशांत किशोर) ने ऐसा करने से इनकार कर दिया। किशोर ने कहा, ‘मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को छात्रों की शिकायत सुननी चाहिए, जो भी छात्र तय करेंगे, मैं वही करूंगा।’
2 जनवरी से आमरण अनशन पर हैं पीके
जन सुराज के संस्थापक बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा 13 दिसंबर को आयोजित एकीकृत 70वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगी परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर गुरुवार, 2 जनवरी से आमरण अनशन पर बैठे हैं। हालांकि, बीपीएससी ने 13 दिसंबर की परीक्षा में शामिल हुए कुछ चुनिंदा उम्मीदवारों के लिए री-एग्जाम कराने का आदेश दिया था। यह परीक्षा प्रश्नपत्र लीक होने के आरोपों के चलते विवादों में घिरी थी। इसके बाद शनिवार को पटना के 22 केंद्रों पर दोबारा परीक्षा आयोजित की गई। जिसमें कुल 12,012 उम्मीदवारों में से करीब 8,111 उम्मीदवारों ने अपने एडमिट कार्ड डाउनलोड किए थे। हालांकि, शनिवार 4 जनवरी को 5,943 छात्र ही दोबारा परीक्षा में शामिल हुए थे। बीपीएससी ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा कि सभी केंद्रों पर री-एग्जाम शांतिपूर्ण ढंग से हुआ और किसी भी प्रकार की कदाचार या गड़बड़ी की कोई सूचना नहीं मिली।