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महाराष्ट्र के पात्रा चॉल घोटाले में आरोपी शिवसेना सांसद संजय राउत की मेडिकल के बाद PMLA कोर्ट में पेशी होगी। प्रदर्शनकारियों को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। कोर्ट परिसर के आसपास 200 पुलिसकर्मियों को लगाया है। इसके अलावा, ईडी ऑफिस के बाहर 100 और जेजे हॉस्पिटल के बाहर 50 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में देर रात 12 बजे गिरफ्तार किया था। बुधवार को साढ़े छह घंटे की पूछताछ के बाद ED की ओर से यह एक्शन लिया गया। राउत रविवार को शाम 5.30 बजे ED दफ्तर पहुंचे थे।

राउत की गिरफ्तारी के बाद उनके भाई सुनील राउत ने कहा कि गलत तरीके से उन्हें गिरफ्तार किया गया है। हमें गिरफ्तारी के संबंध में कोई कागज नहीं दिया गया है। भाजपा संजय राउत से डरती है, इसलिए गिरफ्तारी करवाई गई है।

गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
उधर, संजय राउत की गिरफ्तारी के विरोध में पुणे, पिंपरी चिंचवाड़, नागपुर और जलगांव में शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया है। पुणे और पिंपरी चिंचवाड़ में कइयों को हिरासत में लिया गया है। उद्धव ठाकरे ने पार्टी के पदाधिकारियों और नेताओं की मातोश्री पर एक बैठक बुलाई है।

आखिरी 2 घंटे की पूछताछ रही महत्वपूर्ण
ED के अपर निदेशक सत्यव्रत कुमार ने ही कल यानी रविवार को संजय राउत के अरेस्ट मेमो पर सिग्नेचर किया था और आज ईडी रिमांड के बाद सत्यव्रत 4 अन्य अधिकारियों की टीम के साथ राउत से आगे की पूछताछ करेंगे।

रविवार देर शाम सत्यव्रत कुमार दिल्ली से मुंबई आए और कुल 7 घंटो की पूछताछ की। इसमें आखिरी की 2 घंटे की पूछताछ में पत्रावाला चॉल के एफएसआई घोटाले से कमाई गई मनी ट्रेल के बारे में पूछा। राउत के घर से मिले साढ़े 11 लाख कैश, अलीबाग और दादर फ्लैट के फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन और मामला सामने आने के बाद जो पैसे राउत ने लौटाए उसकी जानकारी मांगी।

सवालों पर बोले राउत – अभी याद नहीं
सूत्रों के मुताबिक, रविवार की पूछताछ में राउत कुछ सवालों के जवाब में या तो ये बोले कि नही जानता या अभी याद नही, लेकिन जो जानकारी उन्होंने दी उससे भी प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी सन्तुष्ट नहीं थे। ईडी ने जिन गवाहों के बयान लिए हैं और जो मनी ट्रेल के सबूत हैं उससे राउत का बयान मेल नही खा रहा था। इस वजह से उन्हें ईडी ऑफिस लाया गया और उनकी गिरफ्तारी की गई। कोर्ट में ईडी इन्हीं पॉइंट्स को आधार बना कर रिमांड मांगेगी।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER