TIO, नई दिल्ली

दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए तैयारियां तेज हो चुकी है। सभी दल चुनाव प्रचार में लगे हुए है। आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और अजित पवार की ठउढ ने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान भी कर दिया है। वहीं बीजेपी ने अभी तक किसी भी सीट के लिए अपने उम्मीदवारों के नाम की लिस्ट जारी नहीं की है। इसी बीच आज दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत को एक चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी के माध्यम से उन्होंने आरएसएस प्रमुख से कई सवाल पूछे हैं, जो सीधे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कार्यों और उसके तौर-तरीकों से जुड़े हैं। चलिए जानते है इस खबर को विस्तार से..

आरएसएस, बीजेपी के गलत कार्यों का समर्थन
दरअसल, अरविंद केजरीवाल ने अपनी चिट्ठी में पहला सवाल यह किया है कि क्या आरएसएस, बीजेपी द्वारा किए गए गलत कामों का समर्थन करती है? केजरीवाल का इशारा उन विवादित फैसलों और कार्यों की ओर था, जो हाल के दिनों में बीजेपी की सरकार द्वारा उठाए गए थे।

बीजेपी द्वारा पैसे बांटने का मुद्दा
दूसरे सवाल में केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी के कुछ नेता खुलेआम पैसे बांट रहे हैं। उन्होंने आरएसएस से पूछा कि क्या वह इस प्रकार के वोट खरीदने के तरीकों का समर्थन करती है? यह सवाल बीजेपी के चुनावी रणनीतियों पर उठाए गए थे, जहां आरोप लगाए गए थे कि वोटरों को पैसे देकर समर्थन लिया जा रहा है।

दलित और पूर्वांचली वोटों का मुद्दा
आपको बता दें कि अरविंद केजरीवाल ने तीसरा सवाल उठाया कि बीजेपी द्वारा दलित और पूर्वांचली समुदाय के वोट काटने की घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने आरएसएस से पूछा कि क्या उसे नहीं लगता कि यह भारत के लोकतंत्र के लिए सही नहीं है? केजरीवाल का इशारा उस राजनीतिक वातावरण की ओर था, जहां कुछ दलों द्वारा जातीय वोटबैंक को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है।

बीजेपी और जनतंत्र
चिट्ठी के अंत में केजरीवाल ने आरएसएस से सवाल किया कि क्या उन्हें यह नहीं लगता कि बीजेपी के कार्यों से भारत का लोकतंत्र कमजोर हो रहा है? उनका कहना था कि बीजेपी के ऐसे कार्य लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को नुकसान पहुँचा रहे हैं, जो एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी हो सकते हैं।अरविंद केजरीवाल की चिट्ठी में यह सवाल सीधे तौर पर बीजेपी और आरएसएस के राजनीतिक तौर-तरीकों पर सवाल खड़ा करते हैं, जो राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गए हैं।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER