TIO, नई दिल्ली
महिला सम्मान योजना को लेकर आप पार्टी और भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो चुका है। अब केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने रविवार को पूर्व सीएम केजरीवाल पर हमला बोलते हुए कहा कि ऐसा कोई सगा नहीं, जिसे केजरीवाल ने ठगा नहीं। उन्होंने महिला सम्मान योजना पर कहा कि अगर सरकार को कोई योजना बनानी है, तो उसके लिए बजट में प्रावधान करिए। इसी तरह के महिला सम्मान के वादे पंजाब में महिलाओं से किए थे। वहां विधानसभा चुनाव के दौरान किए वादे अभी तक पूरे नहीं हुए हैं। केजरीवाल पंजाब में 1000 रुपए नहीं दे पाए।
हरदीप पुरी ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार चलाने के लिए केंद्र सरकार से 10,000 करोड़ लोन मांगने की बात की जा रही है तो फिर यहां दिल्ली में 2100 रुपए महिलाओं को सीधे कैसे दे देंगे? इसके अलावा केजरीवाल की तरफ से भाजपा पर आॅपरेशन लोटस चलाने के आरोपों पर पुरी ने कहा कि केजरीवाल अपना ‘मानसिक संतुलन’ खो चुके हैं।
हरदीप सिंह पुरी ने कहा- मुझे लगता है कि जब केजरीवाल ‘राजकीय आतिथ्य’ (जेल में) में थे, तो उनका ‘मानसिक संतुलन’ बिगड़ गया… उनका दृष्टिकोण क्या है – अव्यवस्था फैलाना?… दिल्ली सरकार में केजरीवाल के पास अब बहुत कम समय बचा है।
केजरीवाल ने कहा था- केंद्र सरकार उनकी विधानसभा से पुराने नाम कटवा रही
दरअसल, अरविंद केजरीवाल ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा था कि दिल्ली में भाजपा ने आॅपरेशन कमल शुरू कर दिया है। वे इस बार फर्जी वोटिंग के सहारे जीतने का प्लान बना रहे हैं। उन्होंने कहा- पिछले 15 दिनों में वोटर्स के आंकड़ों में गड़बड़ी देखने को मिली है। इस दौरान 5000 नाम कटवाने और 7500 नए नाम जुड़वाने को लेकर चुनाव आयोग को एप्लिकेशन दी गई है।
इस आरोप पर हरदीप सिंह पुरी ने कहा यह वही (अरविंद) केजरीवाल और अअढ हैं, जो कह रहे थे कि हमने रोहिंग्याओं को दिल्ली में बसाया है। क्या आपको लगता है कि किसी भी परिस्थिति में वे (रोहिंग्या) भाजपा को वोट देंगे? आप ने इन्हें यहां वोट के लिए बसाने में मदद की है। लोकतंत्र के लिए बेहतर होगा कि इनके नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए जाएं।
केजरीवाल के 3 आरोप…
नई दिल्ली विधानसभा में पिछले 15 दिनों में इन्होंने (बीजेपी ने) पांच हजार वोटर्स का नाम कटवाने की एप्लिकेशन डाली है। वहीं 7500 नए वोटर्स का नाम जुड़वाने की एप्लिकेशन भी दी है।
मेरी विधानसभा में कुल वोटर्स एक लाख छह हजार हैं। इसमें से 5% वोटर्स का नाम डिलीट करवा रहे हैं। 7.5% वोटर्स के नाम जुड़वा रहे हैं। ऐसे में अब चुनाव ही क्यों करा रहे हैं।
चुनाव के नाम पर इस देश में खेल हो रहा है। अगर 12% वोट इधर से उधर कर देंगे तो बचेगा क्या। अगर आंकड़ों में गड़बड़ी है तो चुनाव आयोग पर बहुत बड़ा प्रश्नचिन्ह लग जाता है।