TIO, नैनीताल
नए साल के पहले महीने में ही अंतरिक्ष में एक नया रिकॉर्ड बनने जा रहा है। 114 वर्ष के अंतराल के बाद एक ही महीने में आकाश में तीन धूमकेतु धूम मचाने आ रहे हैं। यह घटना इसलिए बेहद अनोखी है, क्योंकि आमतौर पर वर्षभर में कुल आठ से 10 धूमकेतु पृथ्वी के निकट से गुजरते हैं और पूरे साल में औसतन मात्र एक धूमकेतु नग्न आंखों से नजर आता है।
इस बार एक ही महीने में बिना दूरबीन के तीन धूमकेतु नजर आने की घटना 114 साल बाद घटित होगी। इससे पहले 1911 में ऐसा हुआ था। इनमें भी एक धूमकेतु के तो इतना चमकीला होने की संभावना है कि यह दिन के प्रकाश में भी नजर आ सकता है। कुल मिलाकर जनवरी धूमकेतुओं का महीना होगा।
नए साल के पहले ही दिन दिखेगा नजारा
29पी श्वासमैन-वाचमैन सुबह के समय उत्तरी गोलार्ध में दिखाई देगा। इस धूमकेतु को बेहतर रूप से देखने के लिए संभवत: एक दूरबीन की आवश्यकता हो सकती है। वर्ष 1927 में खोजा गया यह धूमकेतु अपने निरंतर विस्फोटों के लिए जाना जाता है। एक अन्य 333पी लीनियर धूमकेतु जनवरी दूसरे सप्ताह में शाम को आकाश में दिखाई देगा।
इसे बिना दूरबीन के देखे जाने की संभावना है। 2007 में खोजा गया यह धूमकेतु बृहस्पति परिवार से संबंधित है। तीसरा धूमकेतु सी2024 जी3 एटलस 13 और 14 जनवरी को पृथ्वी और सूर्य के निकटतम होगा और तब इसके चरम दृश्यता पर पहुंचने की उम्मीद है। इसे बिना दूरबीन के ही देखा जा सकेगा। यह इतना चमकीला होगा कि इसके दिन के आकाश में भी नजर आने की संभावना है।
धूल से बने खगोलीय पिंड
धूमकेतु हमारे सौर मंडल में पाए जाने वाले बफीर्ले और धूल से बने खगोलीय पिंड हैं। आर्यभट्ट शोध एवं प्रेक्षण विज्ञान संस्थान एरीज, के डॉ. मोहित जोशी ने बताया कि ये पिंड सूर्य की परिक्रमा करते हैं और उनकी कक्षाएं बहुत लंबी होती हैं। और जब ये सूर्य के करीब आते हैं, तो इनकी बर्फ पिघलने लगती है और ये एक पुच्छल तारे की तरह दिखने लगते हैं। धूमकेतु अस्थायी पिंड हैं और उनकी आयु सीमित होती है। वे सूर्य के करीब आने से अपनी बर्फ खो देते हैं और धीरे-धीरे वाष्पित हो जाते हैं। धूमकेतुओं का अध्ययन बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये सौर मंडल के गठन और विकास के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।
हेली, हेल बॉप, शूमेकर-लेवी हैं कुछ प्रसिद्ध धूमकेतु
कुछ धूमकेतु ऐसे हैं जिनका नाम अक्सर सुनने में आता है। इनकी चमक बहुत ज्यादा है और एक निश्चित अवधि पर पृथ्वी के निकट आते हैं। इनमें हेली धूमकेतु सबसे प्रसिद्ध धूमकेतु है, जो हर 76 वर्षों में पृथ्वी के पास से गुजरता है। हेल-बॉप धूमकेतु 1997 में पृथ्वी के पास से गुजरा था तब इसकी चमक बहुत ज्यादा थी। शूमेकर-लेवी 9 धूमकेतु 1994 में बृहस्पति ग्रह से टकराया था, जिससे एक बड़ा विस्फोट हुआ था। तेज चमक वाला लवजॉय धूमकेतु 2011 में पृथ्वी के पास से गुजरा था।