TIO, भोपाल

मध्यप्रदेश में इस बार जनवरी से भी ठंडा दिसंबर है। भोपाल समेत कई शहरों में ठंड ने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। पिछले 8 दिन से शीतलहर चल रही है, जो 9वें दिन मंगलवार को भी चलेगी। मौसम विभाग ने भोपाल, जबलपुर समेत 20 जिलों में कोल्ड वेव यानी, शीतलहर चलने का अलर्ट जारी किया है।

कड़ाके की ठंड की वजह से भोपाल, इंदौर, ग्वालियर समेत कई जिलों में स्कूलों की टाइमिंग बदल दी गई है, जबकि भोपाल के वन विहार नेशनल पार्क में जानवरों को सर्दी से बचाने के लिए हीटर लगाए गए हैं। सीनियर वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया, मंगलवार के बाद शीतलहर का दौर खत्म होने का अनुमान है और कुछ दिन तक थोड़ी राहत मिल सकती है। मंगलवार को 20 जिलों में शीतलहर चलने का अनुमान है। इनमें से 6 जिले- शाजापुर, आगर-मालवा, सीहोर, रायसेन, मंडला और छतरपुर में पेड़-पौधों की पत्तियों पर बर्फ भी जम सकती है।

पचमढ़ी में 1.9 डिग्री, शहडोल का कल्याणपुर भी रहा ठंडा
प्रदेश में कड़ाके की ठंड का दौर जारी है। रविवार-सोमवार की रात में इकलौते हिल स्टेशन पचमढ़ी सबसे ठंडा रहा। यहां पारा 1.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बीती रात की तुलना में 0.9 डिग्री की बढ़ोतरी जरूर हुई है। शहडोल के कल्याणपुर में तापमान 2.3 डिग्री रहा। राजधानी भोपाल में पारे में गिरावट हुई और यह 3.3 डिग्री पर आ पहुंचा। मंडला में 3 डिग्री और उमरिया, शाजापुर के गिरवर में 3.3 डिग्री दर्ज किया गया। राजगढ़, खजुराहो में पारा 5 डिग्री के नीचे ही रहा। बड़े शहरों की बात करें तो इंदौर में सबसे ज्यादा 9.6 डिग्री रहा। ग्वालियर-जबलपुर में 5 डिग्री और उज्जैन में 7.5 डिग्री दर्ज किया गया। बाकी शहरों में भी पारा 10 डिग्री के नीचे ही दर्ज किया गया। सोमवार को दिन में भी शीतलहर का असर रहा। जिससे कई शहरों में अधिकतम तापमान लुढ़क गया।

भोपाल में टूटा 58 साल का रिकॉर्ड, पारा 3.3 डिग्री रहा
भोपाल में दिसंबर की सर्दी का 58 साल का रिकॉर्ड टूट गया है। 15-16 दिसंबर की रात में टेम्प्रेचर 3.3 डिग्री रहा। अब पारा 0.3 डिग्री लुढ़का तो ओवरआॅल रिकॉर्ड टूट जाएगा। कड़ाके की ठंड की वजह से भोपाल के वन विहार नेशनल पार्क में जानवरों के लिए हीटर लगाए गए हैं। वहीं, हाउस की खिड़कियों को बंद किया गया है। ताकि जानवरों को ठंड न लगे।

इन जिलों में आज कड़ाके की ठंड का अलर्ट
भोपाल में पिछले 8 दिन से शीतलहर चल रही है। 9वें दिन, मंगलवार को भी ऐसा ही मौसम बना रहेगा। इस दिन भी कोल्ड वेव का अलर्ट है।
जबलपुर में शीतलहर के चलते न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच चुका है। मंगलवार को भी कोल्ड वेव की चेतावनी दी गई है।
शाजापुर, आगर-मालवा, सीहोर, रायसेन, मंडला और छतरपुर में शीतलहर के साथ बर्फ भी जम सकती है।
राजगढ़, देवास, खंडवा, विदिशा, सागर, टीकमगढ़, निवाड़ी, पन्ना, सतना, उमरिया, शहडोल और सिवनी में भी शीतलहर का अलर्ट है।

25 दिसंबर से फिर से तेज ठंड, पूरे जनवरी में पड़ेगी
मौसम विभाग के मुताबिक, क्रिसमस (25 दिसंबर) से प्रदेश में सर्दी का पीक शुरू होगा। विंड चिल फैक्टर (हवा में ज्यादा ठंडक) के कारण 31 जनवरी तक कड़ाके की सर्दी का दौर पड़ेगा। सर्दी के अंत तक इस पूरे सीजन में कड़ाके की सर्दी वाले दिनों की संख्या 45 तक हो सकती है। इसकी शुरूआत नवंबर से ही हो गई थी। नवंबर में 36 साल बाद ऐसी कड़ाके की सर्दी पड़ी थी।

इस वजह से कड़ाके की ठंड
सीनियर वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया, कड़ाके की ठंड की वजह जेट स्ट्रीम है। यह जमीन से लगभग 12.6 किमी ऊंचाई पर चलने वाली तेज हवा है। इसकी रफ्तार अभी 240 किमी प्रति घंटा तक है। यह देश के उत्तरी हिस्से में सक्रिय है। पहाड़ों से आने वाली बफीर्ली हवा के अलावा ये ऊंची हवा इस बार सर्दी बढ़ा रही है। उत्तर के मैदानी इलाकों से जब ठंडी हवा और पहाड़ी इलाकों से बफीर्ली हवा हमारे यहां आती है, तब तेज ठंड पड़ती है। यह सब उत्तर भारत में पहुंचने वाले मौसमी सिस्टम वेस्टर्न डिस्टरबेंस के कारण होता है। ऐसे में यदि जेट स्ट्रीम भी बन जाए तो सर्दी दोगुनी हो जाती है। इस बार यही हो रहा है।

इस बार ट्रेंड बदला, पहले पखवाड़े में ही तेज सर्दी
इस साल दिसंबर की सर्दी ने ट्रेंड बदल दिया है। पिछले 10 साल का रिकॉर्ड और ट्रेंड देखें तो दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में कड़ाके की ठंड पड़ती रही है लेकिन इस बार पहले ही पखवाड़े में तेज सर्दी का असर है। भोपाल और इंदौर की रात तो पिछले 2 साल में सबसे ठंडी रही हैं यानी दिसंबर की ठंड का रिकॉर्ड टूट गया है। दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में भी कड़ाके की ठंड ही रहेगी।

नवंबर में भी सर्दी तोड़ चुकी रिकॉर्ड
बता दें कि नवंबर में सर्दी रिकॉर्ड तोड़ चुकी है। भोपाल में तो 36 साल का रिकॉर्ड टूटा है। इंदौर, उज्जैन, जबलपुर और ग्वालियर में भी पारा सामान्य से 7 डिग्री तक नीचे रहा। अब दिसंबर में भी कड़ाके की ठंड पड़ रही है।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER