TIO, मुंबई

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी- शरदचंद्र पवार (एनसीपी एसपी) के विधायक रोहित पवार की मां सुनंदा पवार ने एनसीपी के दोनों गुटों से साथ आने की अपील की। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के लोग और पार्टी कार्यकर्ता चाहते हैं कि शरद पवार और अजित पवार साथ मिल जाएं। सुनंदा पवार का यह बयान ऐसे वक्त सामने आया है, जब हाल ही में अजित पवार ने परिवार सहित शरद पवार से मुलाकात की थी और दोनों खेमों से एकता की आवाजें उठ रही हैं।

‘पार्टी कार्यकर्ता चाहते हैं एकजुट हों दोनों गुट’
सुनंदा पवार ने कहा कि ‘एकजुट परिवार एक ताकत है। पवार परिवार की पीढ़ियां कई वर्षों से अच्छे और बुरे दोनों ही समय में एक साथ रही हैं।’ उल्लेखनीय है कि उपमुख्यमंत्री अजित पवार, उनके बेटे पार्थ और रोहित पवार समेत परिवार के कई लोग गुरुवार को शरद पवार को उनके 84वें जन्मदिन की बधाई देने इकट्ठा हुए। यह जन्मदिन समारोह नई दिल्ली में शरद पवार के 6 जनपथ स्थित आवास पर आयोजित किया गया था। सुनंदा पवार ने कहा कि उन्हें परिवार के एकता के इस प्रदर्शन में कुछ भी राजनीतिक नहीं दिखता। उन्होंने कहा, ‘जहां तक पार्टी कार्यकतार्ओं की भावनाओं का सवाल है, उनका मानना है कि अगर पार्टी बंटी रहने के बजाय एकजुट रहती है, तो पूरे राज्य में इसकी ताकत होगी। मैं पार्टी कार्यकतार्ओं की इन भावनाओं का सम्मान करती हूं।’

सुनंदा पवार ने जोर देकर कहा, ‘पार्टी कार्यकर्ता, पार्टी के लिए महत्वपूर्ण हैं और नेतृत्व को उनकी भावनाओं को समझना चाहिए।’ हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि ‘उनका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। यह पूरी तरह से अजित दादा और पवार साहब और उनकी पार्टियों का फैसला है। मुझे यकीन है कि दोनों सही फैसला करेंगे।’

पिछले साल जुलाई में हुआ था अलगाव
गौरतलब है कि अजित पवार के नेतृत्व में एनसीपी नेताओं का एक गुट शरद पवार की पार्टी से अलग होकर बीते साल जुलाई में शिंदे सरकार में शामिल हो गया था। बाद में चुनाव आयोग ने एनसीपी पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह घड़ी अजित पवार को देने का फैसला किया, जबकि शरद पवार के गुट वाली पार्टी का नाम एनसीपी एसपी रखा गया। तब से ही दोनों गुटों में कड़ी प्रतिद्वंदिता रही है और दोनों तरफ से एक दूसरे के खिलाफ तीखी बयानबाजी भी हुई है।

लोकसभा चुनाव में जहां शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी-एसपी का पलड़ा भारी रहा और पार्टी ने आठ सीटों पर जीत दर्ज की, वहीं अजित पवार की पार्टी एनसीपी को महज एक सीट से संतोष करना पड़ा। हालिया विधानसभा चुनाव में ये तस्वीर पूरी तरह पलट गई और इस बार अजित पवार की पार्टी एनसीपी का पलड़ा भारी रहा और एनसीपी ने विधानसभा की 41 सीटों पर जीत दर्ज की, वहीं शरद पवार की एनसीपी-एसपी को महज 10 सीटों से ही संतोष करना पड़ा।

दोनों गुटों की तरफ से हो रही एकता की बात
एनसीपी के पुणे शहर प्रमुख दीपक मानकर ने हाल ही में कहा कि पार्टी कार्यकतार्ओं की आम भावना है कि दोनों गुटों को एक साथ आना चाहिए, लेकिन अंतिम निर्णय अजित पवार और शरद पवार को लेना है। दीपक मानकर ने कहा कि ‘गुरुवार को अजित दादा, पवार साहब को उनके जन्मदिन पर बधाई देने और आशीर्वाद लेने गए थे। उस बैठक के बाद, दोनों गुटों के एक साथ आने के बारे में अटकलें लगाई जा रही थीं। कार्यकतार्ओं का भी मानना है कि पार्टियों को एक साथ आना चाहिए, लेकिन अंतिम निर्णय दोनों शीर्ष नेताओं को लेना है।’ एनसीपी (सपा) के प्रवक्ता अंकुश काकड़े ने भी एक बयान में कहा कि अगर प्रतिद्वंद्वी गुट एक साथ आते हैं, तो इससे संगठन मजबूत होगा। हालांकि काकड़े ने जोर देकर कहा कि शरद पवार अपनी मूल विचारधारा से समझौता नहीं करेंगे।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER