TIO, वॉशिंगटन

पांच नवंबर को हुए चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को भारी जीत मिली। इसी के साथ वह अमेरिका के नए राष्ट्रपति चुने गए। अब ट्रंप अगले साल 20 जनवरी को शपथ लेंगे। मगर, इससे पहले वह अपनी टीम का गठन करने में जुटे हुए हैं। उन्होंने टीम में कई नए चेहरों को मौका दिया है। इसमें चंडीगढ़ से नाता रखने वालीं भारतीय मूल की हरमीत के. ढिल्लों का नाम भी शामिल हैं। उन्हें न्याय विभाग में नागरिक अधिकार मामलों की सहायक अटॉर्नी जनरल के तौर पर चुना है। ट्रंप ने ट्रूथ सोशल पर एक पोस्ट कर यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘मुझे अमेरिकी न्याय विभाग में नागरिक अधिकारों के लिए सहायक अटॉर्नी जनरल के रूप में हरमीत के. ढिल्लों को चुनते हुए खुशी हो रही है।’

‘नागरिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए हमेशा उठाई आवाज’
उन्होंने कहा, ‘अपने पूरे करियर के दौरान हरमीत ने हमारी बहुमूल्य नागरिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए लगातार आवाज उठाई है, जिसमें हमारी मुक्त अभिव्यक्ति को सेंसर करने के लिए बड़ी तकनीक का सामना करना, उन ईसाइयों का प्रतिनिधित्व करना जिन्हें कोविड के दौरान एक साथ प्रार्थना करने से रोका गया था और उन निगमों पर मुकदमा करना जो अपने श्रमिकों के खिलाफ भेदभाव करने के लिए जागरूकता नीतियों का इस्तेमाल करते हैं।’

कौन हैं ढिल्लों?
उन्होंने यह भी बताया कि ढिल्लों देश के शीर्ष चुनाव वकीलों में से एक है, जो यह सुनिश्चित करने के लिए लड़ रही हैं कि सभी, और केवल, कानूनी वोटों की गिनती हो। वह डार्टमाउथ कॉलेज और यूनिवर्सिटी आॅफ वर्जीनिया लॉ स्कूल से स्नातक हैं और यूएस फोर्थ सर्किट कोर्ट आॅफ अपील्स में क्लर्क हैं। हरमीत सिख धार्मिक समुदाय की एक सम्मानित सदस्य हैं। न्याय विभाग में अपनी नई भूमिका में, हरमीत हमारे संवैधानिक अधिकारों का एक अथक रक्षक होंगी और हमारे नागरिक अधिकारों तथा चुनाव कानूनों को निष्पक्ष व दृढ़ता से लागू करेंगी।

चंडीगढ़ से है नाता
ढिल्लों ने इस साल जुलाई में रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन में अरदास का पाठ किया था, जिसके बाद उन पर नस्लीय हमले हुए थे। पिछले साल वह रिपब्लिकन नेशनल कमेटी के अध्यक्ष पद के लिए असफल रहीं। चंडीगढ़ में जन्मी 54 वर्षीय ढिल्लों बचपन में माता-पिता के साथ अमेरिका चली गई थीं। 2016 में, वह क्लीवलैंड में जीओपी कन्वेंशन के मंच पर दिखाई देने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी थीं।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER