शशी कुमार केसवानी

बंगले पर कोई गरीब या अमीर आए, आपको सबसे हाथ जोड़कर नमस्ते करना है। उसकी समस्या पूछना है। पानी पिलवाना है। जाते वक्त बाय-बाय बोलना है। यह किसी स्कूल का दृश्य नहीं है, जहां टीचर बच्चों को शिष्टाचार का पाठ पढ़ा रहे हो। बल्कि यह दृश्य मध्यप्रदेश में अफसरों की ट्रेनिंग वाले संस्थान प्रशासन अकादमी का है। हालांकि इस तरह का व्यवहार देश के फाइव स्टार होटलों में पिछले आठ सालों से चल रहा है।

जिसका होटलों ने खूब फायदा लिया है। अपने बिजनेस प्रमोशन करने में अब तो बिजनेस क्लास होटलों में भी यह संस्कृति पनप गई है। देर आए दुरुस्त आए लोगों के काम हो या न हो। एक झूठा आसरा और उम्मीद पर लोग कम से कम मंत्रियों और अफसरों के यहां पर कुछ अच्छी यादें तो जरूर ही लेकर जाएंगे। अगर काम भी समय पर हो जाए फिर कहना ही क्या। प्रशासन अकादमी में मंत्रियों के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी, निज सचिव, निज सहायक आदि स्टॉफ को जनता से बातचीत करने की तहजीब सिखाई जा रही है। ट्रेनिंग 15 जुलाई तक चलेगी।

ट्रेनिंग में पर निजी सचिवों या निज सहायकों को सभी से अच्छा व्यवहार करने का सबक सिखाया जा रहा है। साथ ही उन्हें सोशल मीडिया हैंडलिंग, समय प्रबंधन, मीडिया से रिश्तों आदि पर ट्रेंड किया जा रहा है। ट्रेनिंग में विषय विशेषज्ञों के साथ ही आईएएस नंदकुमारम, भास्कर लक्षकार, सुधीर कोचर आदि शामिल हो रहे हैं।

मध्यप्रदेश के उच्चशिक्षा मंत्री मोहन यादव के पीए पर छात्रों से बदसलूकी वाला वीडियो वायरल हुआ था। इसी तरह अन्य मंत्रियों के निज सचिवों और निजी सहायकों के साथ ही उनके स्टाफ के व्यवहार की लगातार लंबे समय से शिकायतें मिल रहीं हैं। बंगलों पर मंत्रियों को भी फीडबैक मिल रहा था कि उनके कार्यालय में पीए, ओएसडी लोगों से अच्छे ढंग से बर्ताव नहीं करते हैं। कई विधायक भी कुछ इसी तरह की शिकायतें कर चुके हैं। ट्रेनिंग के पहले पार्ट में सोशल मीडिया हैंडलिंग, मीडिया एवं सामाजिक कार्याकर्तों से व्यवहार, कम्युनिकेशन स्किल, तनाव प्रबंधन, कार्यशैली एवं जीवन प्रबंधन पर लेक्चर रखे गए हैं। समय प्रबंधन, प्रशासन में नैतिकता का मूल्य, शासकीय डाक निराकरण, विधानसभा सत्र के कार्य, मंत्रियों के दौरे कार्यक्रम, कैबिनेट एजेंडा ब्रीफिंग आदि विषय हैं। तीसरे भाग में ई-आॅफिस सिस्टम, शासकीय विषयों में अपीलीय अधिकारी की भूमिका, साइबर क्राइम से बचने की सावधानियां, आर्थिक अपराध से संबंधित कार्यवाही और नियम आदि बतलाए जाएंगे।

 

 

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER