TIO, मुंबई

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उनके उपमुख्यमंत्री अजित पवार तथा एकनाथ शिंदे ने राज्य सचिवालय में अपनी जिम्मेदारियां संभाल लीं। अपनी पहली कैबिनेट बैठक के बाद सीएम ने मीडिया से बातचीत के दौरान उम्मीद जताई कि राज्य में पिछले कुछ सालों की तरह राजनीतिक उथल-पुथल नहीं देखने को मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति अगले पांच सालों तक स्थिर सरकार देगी।

करीब तीन साल काफी बदलाव देखे
विपक्षी महा विकास अघाड़ी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘साल 2019 से 2022 के मध्य तक हमने काफी बदलाव देखे हैं। हमें उम्मीद है कि भविष्य में इस तरह की चौंकाने वाली घटनाएं नहीं देखने को मिलेंगी। गुरुवार को तीसरी बार सीएम पद की शपथ लेने वाले 54 साल के फडणवीस ने एकनाथ शिंदे की शिवसेना के विरोध के कारण सरकार गठन की प्रक्रिया में हुए दो सप्ताह की देरी को भी तवज्जो नहीं दी। पार्टी अपने प्रमुख के लिए शीर्ष पद चाहती थी और यह तर्क देते हुए कि यह उनकी सरकार के कल्याणकारी उपाय थे, जिन्होंने सत्तारूढ़ गठबंधन को जीत दिलाई।

कब कौन सीएम बना?
उन्होंने पदों की बदलती प्रकृति का जिक्र करते हुए कहा कि इससे उनके समन्वय पर कोई फर्क नहीं पड़ता। इससे पहले भी उन्होंने पद को तकनीकी करार दिया था। उन्होंने आगे कहा, ‘साल 2014 में मैं मुख्यमंत्री था और शिंदे हमारे साथ थे। साल 2019 में 72 घंटे के लिए अजित दादा और मैं मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री थे। इसके बाद, शिंदे मुख्यमंत्री थे और अजित दादा व मैं उपमुख्यमंत्री। अब मैं मुख्यमंत्री हूं और वो दोनों उपमुख्यमंत्री हैं।’

‘हमारी भूमिकाएं बदल गईं, लेकिन…’
उन्होने आगे कहा, ‘हमारी भूमिकाएं बदल गई हैं लेकिन दिशा वही है, गति वही है। जब आप हम तीनों के बीच संबंधों के बारे में बात करेंगे तो आपको कुछ अलग नजर नहीं आएगा। यह बहुत तेजी से फैसलों की सरकार है। शपथ ग्रहण समारोह के अवसर पर मैं कहता हूं कि महाराष्ट्र जिस गति से आगे बढ़ रहा है, हम रुकेंगे नहीं। हमें यह सुनिश्चित करना है कि सभी फैसले अच्छे से सोच-समझ कर लिए जाएं, एक ही गति से लिए जाएं।’

इन घटनाओंं को बताया चौंकाने वाला
फडणवीस ने जिस ‘चौंकाने वाली’ घटना की बात की, वह 2023 में शिंदे और उनके विद्रोही समूह द्वारा शिवसेना में विभाजन से जुड़ी थी, जिसके कारण उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार गिर गई थी। इसके बाद उन्होंने भाजपा के साथ मिलकर नई सरकार बनाई। उस साल के बाद, अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को विभाजित कर दिया, जिससे राज्य की राजनीति में तीसरा बड़ा बदलाव आया और वे सरकार में शामिल हो गए। सत्तारूढ़ गठबंधन ने लोकसभा चुनाव के दौरान शुरूआती पराजय के बाद सफलतापूर्वक अपनी राह बदली और विधानसभा चुनावों में व्यापक जीत हासिल की। फडणवीस ने एक बार फिर कहा कि यह राज्य में उपलब्ध कराई गई सुशासन की जीत है और भविष्य बेहतर होगा।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER