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मत्स्य पुराण में लिखा हैं कि एक वृक्ष दस पुत्र उत्पन्न करने के बराबर हैं। दस कुएं निर्माण करवाने का पुण्य एक बावली बनवाने से प्राप्त होता हैं तथा दस बावलियां बनवाने का पुण्य एक तालाब बनवाने से और एक पुत्र का जन्म दस तालाबों के तुल्य तथा एक वृक्ष दस पुत्रों के बराबर हैं। लेकिन वर्तमान में पेड़ों को काटने व जंगल को नष्ट करने का कार्य कतिपय लोगों द्वारा भी किया जा रहा हैं। जिससे पर्यावरण असंतुलित हो गया हैं। हम पर्यावरण संरक्षण को लेकर एक छोटा लेकिन भागीरथी प्रयास करने जा रहे हैं।
जिसके अन्तर्गत जिला मुख्यालय से 21 किलोमीटर दुर स्थित शांत अद्वैत आश्रम बर्ड़ा बरखेड़ा व उसके आस-पास की बंजर पहाड़ियों पर 9 जुलाई 2022 को 30 हजार बीजों के गोले स्थापित किए जाएंगे।कर्म सेवा धर्म सेवा संस्थान के सदस्यों की कुशल प्रणाली से, जिससे बंजर पहाड़ी हरी भरी हो सके। बीजों को उपचारित कर मिट्टी व जैविक खाद से बनाए गए पिण्डात्मक गौले में रखकर पहाड़ी पर स्थापित किया जाएगा। अतः आप से आग्रह हैं कि पर्यावरण संरक्षण को लेकर शुरू किए गए इस कर्तव्य क्रांति अभियान में आप शामिल होकर पर्यावरण बचाने के इस यज्ञ में अपनी आहुति प्रदान करे।