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देश में राष्ट्रपति चुनाव की गहमागहमी तेज है। विपक्ष ने अटल सरकार में मंत्री रहे 84 वर्षीय यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार बनाया है। सिन्हा राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में विभिन्न दलों से समर्थन मांगने में व्यस्त हैं। विपक्षी दलों ने एकत्रित होकर कई नामों पर विचार किया। मुझसे पूछा गया तो मैंने हां कर दी। ये लड़ाई कठिन जरूर है, लेकिन इससे फायदा हो सकता है। 2024 के लिहाज से देखा जाए तो विपक्षी एकता की शुरुआत है। बात राष्ट्रपति चुनाव तक खत्म नहीं होगी, आगे भी चलेगी। अगर स्वतंत्र राष्ट्रपति होगा तो न सिर्फ सरकार के गैर संवैधानिक कदमों पर अंकुश लगेगा, बल्कि सरकार को सही दिशा में ले जा सकता है।

विपक्षी दल शायद इस पर विचार करते और फिर सहमति बन भी सकती थी। आज किसी का अधिकार नहीं कि मुझसे पूछे कि अब क्यों लड़ रहे हैं।

राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा की उम्मीदवार का समर्थन करेंगी मायावती, विपक्ष पर बोला हमला
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने शनिवार को राजधानी लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान मायावती ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष की बैठक में बसपा को न बुलाए जाने पर हमला बोला। मायावती ने कहा कि हमें सरकार और विपक्ष ने अलग-थलग रखा गया। राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष का षड़यंत्र देखने को मिला। हम यह साफ कर देना चाहते हैं कि हमारी पार्टी ने आदिवासी समाज को अपने मूवमेंट का खास हिस्सा मानते हुए द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए अपना समर्थन देने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि हमारा यह फैसला न तो भाजपा या एनडीए के समर्थन में है और न ही विपक्ष के खिलाफ। हम अपनी पार्टी और आंदोलन को ध्यान में रखते एक आदिवासी समाज की योग्य और कर्मठ महिला को देश की राष्ट्रपति बनाने के पक्ष में हैं।

अगले माह होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के साझा प्रत्याशी व पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने भाजपा के शीर्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी, पीएम नरेंद्र मोदी व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को फोन कर समर्थन मांगा है। 84 वर्षीय सिन्हा अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय वित्त व विदेश मंत्री रह चुके हैं।

18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में राजग ने द्रौपदी मुर्मू को अपना प्रत्याशी बनाया है। मुर्मू ने शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी व अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में नामांकन दाखिल किया। मुर्मू को कई गैर राजग दलों का भी समर्थन हासिल है, इसलिए उनकी जीत तय मानी जा रही है। इस बीच, विपक्ष के साझा प्रत्याशी यशवंत सिन्हा भी मैदान में डटे हुए हैं। वे अपने समर्थन के लिए नेताओं से सतत संपर्क कर रहे हैं।

यशवंत सिन्हा ने शुक्रवार को पीएम मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से फोन पर संपर्क किया। पीटीआई के अनुसार उन्होंने दोनों नेताओं से अपनी उम्मीदवारी का समर्थन करने का आग्रह किया। उन्होंने भाजपा के वयोवृद्ध व शीर्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी को भी फोन कर आशीर्वाद मांगा। अटल सरकार में आडवाणी उप प्रधानमंत्री थे और सिन्हा केंद्रीय मंत्री रहे थे। लंबे समय तक भाजपा में रहने के बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी। मोदी सरकार-1 में उनके पुत्र जयंत सिन्हा वित्त राज्यमंत्री रहे थे। जयंत सिन्हा अभी भी भाजपा सांसद हैं। हाल ही में उन्होंने स्पष्ट किया है कि वे राष्ट्रपति चुनाव में पिता की बजाए पार्टी प्रत्याशी को चुनेंगे।

सीएम सोरेन को याद दिलाया वादा, प्रचार टाला
सिन्हा ने झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को भी फोन किया। सिन्हा ने उन्हें याद दिलाया कि उनकी पार्टी झामुमो ने विपक्ष के साझा प्रत्याशी के समर्थन का एलान किया था। सिन्हा शुक्रवार को झारखंड से प्रचार अभियान शुरू करने वाले थे, लेकिन अब झामुमो ने भी संथाल आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्म का समर्थन कर दिया है, इसलिए उन्होंने यह टाल दिया। सिन्हा 27 जून सोमवार को अपना नामांकन दाखिल करने वाले हैं। इस मौके पर विपक्ष के दिग्गज नेताओं के मौजूद रहने की संभावना है।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER